World Cup खेलकर लौटे कुलदीप ने कहा, खेलते समय कभी खुद पर दबाव को हावी न होने दें Kanpur News
कानपुर के कुलदीप यादव ने विश्वकप में पाकिस्तान के खिलाफ ड्रीम बॉल फेंककर भारतीय टीम के अजेय रिकार्ड को बरकरार रखने में अहम भूमिका निभाई।
By AbhishekEdited By: Published: Thu, 25 Jul 2019 12:10 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jul 2019 01:26 PM (IST)
कानपुर, [अंकुश शुक्ल]। शहर के कुलदीप यादव क्रिकेट विश्वकप में कानपुर का पहला प्रतिनिधित्व कराने वाले क्रिकेटर बन गए हैं। इंग्लैंड में हुए विश्वकप में ड्रीम बॉल फेंककर पाकिस्तान के खिलाफ अजेय रिकार्ड को बरकरार रखने में प्रमुख योगदान देने वाले कुलदीप अब वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में भी भारतीय टीम का हिस्सा होंगे। वह अपनी ड्रीम बॉल जैसी और भी तकनीक होने का दावा करते हुए सफलता के प्रति आश्वस्त हैं। वह कहते हैं कि विश्वकप क्रिकेट में खेलने का सपना भगवान और माता-पिता के आशीर्वाद से पूरा हुआ।
विश्वकप में खेलने के बाद लौटकर शहर आए चाइनामैन कुलदीप यादव ने साक्षात्कार में कहा कि देश के लिए खेलना हर खिलाड़ी के लिए सपने जैसा होता है। हर खिलाड़ी चाहता है कि वो देश के लिए खेले और उस गौरवशाली क्षण का हिस्सा बने, जिसके लिए हर खिलाड़ी खेल से जुड़ता है। उन्होंने बताया किया विश्वकप में पूरी टीम ने हर मैच में मिलकर खेला और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देते हुए सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। टीम के सीनियर खिलाडिय़ों ने हमेशा मार्गदर्शन करते हुए मुझे बेहतर करने के लिए प्रेरित किया।
वह कहते हैं कि दबाव को खुद पर कभी हावी न होने दें क्योंकि जब आप दबाव में गेंदबाजी और बल्लेबाजी करेंगे तो आप से गलतियां जरूर होंगी, जिसका फायदा विरोधी उठाएंगे। दबाव के समय ऐसा प्रदर्शन करना चाहिए कि सामने वाला आप के खिलाफ दबाव में आ जाए और गलती करे। उसकी वही गलतियां आपकी सफलता का आधार बन सकती है। कुलदीप ने अपने साथी खिलाडिय़ों को बताया कि पाकिस्तान के खिलाफ मैच में बाबर आजम का विकेट साथी गेंदबाजों द्वारा बनाए दबाव से ही मिला और टीम ने हर मिलकर खेला, जिसकी बदौलत हम कई बड़ी टीमों को हराने में सफल हुए। इसलिए बेहतर खिलाड़ी बनने के लिए कभी भी दबाव को खुद पर हावी ना होने दें।
विश्वकप में खेलने के बाद लौटकर शहर आए चाइनामैन कुलदीप यादव ने साक्षात्कार में कहा कि देश के लिए खेलना हर खिलाड़ी के लिए सपने जैसा होता है। हर खिलाड़ी चाहता है कि वो देश के लिए खेले और उस गौरवशाली क्षण का हिस्सा बने, जिसके लिए हर खिलाड़ी खेल से जुड़ता है। उन्होंने बताया किया विश्वकप में पूरी टीम ने हर मैच में मिलकर खेला और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देते हुए सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। टीम के सीनियर खिलाडिय़ों ने हमेशा मार्गदर्शन करते हुए मुझे बेहतर करने के लिए प्रेरित किया।
वह कहते हैं कि दबाव को खुद पर कभी हावी न होने दें क्योंकि जब आप दबाव में गेंदबाजी और बल्लेबाजी करेंगे तो आप से गलतियां जरूर होंगी, जिसका फायदा विरोधी उठाएंगे। दबाव के समय ऐसा प्रदर्शन करना चाहिए कि सामने वाला आप के खिलाफ दबाव में आ जाए और गलती करे। उसकी वही गलतियां आपकी सफलता का आधार बन सकती है। कुलदीप ने अपने साथी खिलाडिय़ों को बताया कि पाकिस्तान के खिलाफ मैच में बाबर आजम का विकेट साथी गेंदबाजों द्वारा बनाए दबाव से ही मिला और टीम ने हर मिलकर खेला, जिसकी बदौलत हम कई बड़ी टीमों को हराने में सफल हुए। इसलिए बेहतर खिलाड़ी बनने के लिए कभी भी दबाव को खुद पर हावी ना होने दें।
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