इंजीनिय¨रग कॉलेज में बम की सूचना से मचा हड़कंप
एक दिन पहले ही आतंकी पकड़े जाने की वजह से अफरातफरी का माहौल, खुफिया अलर्ट, संस्थान के टोल फ्री नंबर दी सूचना, दो मोबाइल मिले, डॉग स्क्वाड व बम निरोधक दस्ते ने खंगाला कैंपस, सूचना देने वाले ने बंद किया मोबाइल, तलाश जारी
जागरण संवाददाता, कानपुर : शहर से आतंकी की गिरफ्तारी के बाद उसके साथियों की तलाश के बीच भौंती स्थित प्रणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (पीएसआइटी) में शुक्रवार को बम होने की सूचना आ गई। सूचना प्रसारित होते ही पुलिस-प्रशासन हरकत में आ गए। देखते ही देखते ही कॉलेज छावनी में तब्दील हो गया। भारी पुलिस के साथ डॉग स्क्वाड व बम निरोधक दस्ते ने कॉलेज का चप्पा-चप्पा खंगाला। बम होने की आशंकाएं समाप्त होने के बाद सभी ने राहत की सांस ली। जिस नंबर से कॉलेज में फोन किया गया था वह हरियाणा के किसी विजय कुमार के नाम पर है। जो सूचना देने के बाद से बंद हो गया था।
सचेंडी पुलिस के अनुसार पीएसआइटी प्रशासन ने करीब ढाई बजे फोन करके बताया कि किसी ने कॉलेज में बम रखे जाने की सूचना दी है। जिस नंबर से फोन आया था, पुलिस ने उसे मिलाया तो नंबर स्विच ऑफ था। इसके बाद सचेंडी, पनकी पुलिस के साथ अधिकारी मौके पर पहुंचे और कालेज स्टाफ व छात्र-छात्राओं को कैंपस से बाहर मैदान में लाकर चप्पे-चप्पे की तलाशी ली गई। कालेज में आवाजाही रोक दी गई। पुलिस ने लाइब्रेरी, हॉस्टल, क्लासरूम, कैंटीन से लेकर टॉयलेट तक चेक किए। साथ ही वहां करीब चार घंटे तक टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया। टीम को मौके से दो मोबाइल फोन मिले हैं, जिन्हें पुलिस चेक रही है। इस दौरान कालेज प्रशासन और छात्र-छात्राएं सहमे रहे। एक दिन पहले चकेरी से आतंकी पकड़े जाने के बाद आई इस सूचना पर तलाशी के बाद भी कई छात्र डर के कारण अपने रूम में नहीं जा रहे थे। कालेज स्टाफ ने उन्हें समझा-बुझाकर भेजा।
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सूचना देने वाले सोनीपत के विजय की तलाश
सचेंडी एसओ राघवेंद्र सिंह ने बताया कि जिस नंबर से बम की सूचना आई थी वह हरियाणा के सोनीपत जिले के जिसवाड़ा निवासी विजय के नाम पर है। विजय की तलाश की जा रही है। उसने 100 नंबर पर फोन न कर सीधे कालेज के टोल फ्री नंबर पर फोन किया, इससे माना जा रहा है कि विजय कॉलेज से किसी न किसी रूप में जुड़ा है।
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कॉलेज में किसी ने बम होने की सूचना दी थी। जिस पर बम डिस्पोजल व डॉग स्क्वाड से पूरा कैंपस चेक कराया गया लेकिन कहीं कुछ नहीं मिला। संभवत: किसी ने फर्जी सूचना दी। सूचना देने वाले का पता लगाया जा रहा है। -- प्रद्युम्न सिंह, एसपी ग्रामीण