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पत्नी के नाम खरीदी संपत्तियों में खपाई काली कमाई खुलेगी

काली कमाई छिपाने के लिए महिलाओं को ढाल बनाए लोगों का खेल अब खुलने वाला है।सही स्रोत न बताने पर संपत्ति बेनामी मानकर अटैच भी की जा सकती है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 07:11 PM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 11:10 PM (IST)
पत्नी के नाम खरीदी संपत्तियों में खपाई काली कमाई खुलेगी
पत्नी के नाम खरीदी संपत्तियों में खपाई काली कमाई खुलेगी

कानपुर (राजीव सक्सेना)। काली कमाई छिपाने के लिए महिलाओं को ढाल बनाए लोगों का खेल अब खुलने वाला है। आयकर विभाग ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है जिन्होंने पत्नी या परिवार की महिलाओं के नाम पर काली कमाई से अचल संपत्ति में निवेश किया।  विभाग ने महिलाओं के नाम पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जो संपत्तियां हैं, उनके रिकार्ड जिलों के रजिस्ट्रार से मांगे हैं। इन संपत्तियों में लगे कागजातों के आधार पर आकलन किया जाएगा कि पति, पत्नी दोनों की हैसियत वह संपत्ति खरीदने की थी या नहीं। संदिग्ध मिले मामलों में पूछताछ होगी कि वह धन कहां से लाए। धन का सही स्रोत न बताने पर संपत्ति बेनामी मानकर अटैच भी की जा सकती है। 

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रजिस्ट्रार से जानकारी मांगी

काले धन से अपने नाम संपत्ति खरीद कर फंस न जाएं, इसलिए अधिकांश लोग घर की महिला सदस्यों के नाम संपत्ति खरीद लेते हैं। सामान्य तौर पर महिलाओं के नाम पर संपत्ति होने पर किसी को संदेह नहीं होता है। इसका फायदा भारी मात्रा में काला धन कमाने वाले उठाते हैं। वाणिज्य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर केशव लाल के यहां मारे गए छापे में आयकर विभाग ने पाया था कि उन्होंने अपनी काली कमाई से पत्नी के नाम कई संपत्तियां खरीदीं। वह भी नोएडा जैसे महंगे स्थान पर। इसे देखते आयकर विभाग ने अब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के करीब-करीब सभी बड़े जिलों के रजिस्ट्रार को पत्र भेजकर महिलाओं के नाम पर उनके यहां कितनी संपत्ति हैं और उनमें क्या-क्या कागज लगे हैं, इनकी जानकारी मांगी है। 

संदिग्ध को जारी होगा नोटिस 

आयकर अधिकारियों के मुताबिक नौकरीपेशा, कारोबारी या प्रोफेशनल सभी बैंक से लोन लेकर पत्नी के नाम भूखंड, मकान, फ्लैट खरीद सकते हैं लेकिन रजिस्ट्रार के यहां से मिले कागजों में लगे पैन कार्ड के आधार पर यह जानकारी की जाएगी कि उन्होंने कितना लोन लिया और वास्तव में कितने का मकान खरीदा। उनके सालाना रिटर्न के मुताबिक यह भी देखा जाएगा कि उनकी हैसियत वह संपत्ति खरीदने की थी या नहीं। जांच के बाद जितनी भी संपत्तियां संदिग्ध मानी जाएंगी, उन सभी के खिलाफ नोटिस जारी की जाएगी। उनसे संपत्ति को खरीदने का स्रोत पूछा जाएगा। 


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