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Brain में पहुंचकर जानलेवा हो रहा Black Fungus, अगर दिखे ये लक्षण तो तुरंत हो जाएं सतर्क

ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस का संक्रमण ब्रेन की नलिकाओं एवं हड्डियों को तोड़ते हुए अंदर पहुंच रहा है। यह रक्त सप्लाई बाधित कर दिमाग को क्षतिग्रस्त कर देता है इससे प्रभावित हिस्से को काटकर हटाना ही विकल्प रहता है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 25 May 2021 08:49 AM (IST)Updated: Tue, 25 May 2021 08:49 AM (IST)
Brain में पहुंचकर जानलेवा हो रहा Black Fungus, अगर दिखे ये लक्षण तो तुरंत हो जाएं सतर्क
कानपुर में बढ़ता जा रहा ब्लैक फंगस का प्रकोप।

कानपुर, जेएनएन। ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस ब्रेन में पहुंचते ही जानलेवा हो जाता है। यह ब्रेन के टिश्यू एवं रक्त नलिकाओं में प्रवेश करते ही उन्हें ब्लॉक कर देता है। ब्रेन में खून की आपूर्ति बाधित होने से ब्लीडिंग और खून के थक्के बनने लगते हैं। हैलट में विलंब से आने वाले ब्लैक फंगस पीडि़त गंभीर स्थिति में आ रहे हैं। अब तक छह पीडि़त भर्ती हो चुके हैं, जिनके ब्रेन में म्यूकरमाइकोसिस का संक्रमण पहुंच चुका है।

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Case-1 : कोरोना संक्रमित 60 वर्षीय महिला को गंभीर स्थिति में हैलट के न्यूरो साइंस सेंटर में भर्ती कराया गया था। उसे कोरोना के संक्रमण के साथ ब्लैक फंगस के लक्षण थे। कोरोना के गंभीर संक्रमण एवं आक्सीजन लेवल कम होने की वजह से बायोप्सी संभव नहीं थी। सीटी स्कैन जांच में पता चला की फंगस का संक्रमण बेन तक पहुंचने से ब्लीडिंग होने लगी थी। उसे बचाया नहीं जा सका।

Case-2 : ब्लैक फंगस पीडि़त 62 वर्षीय बुजुर्ग गंभीर स्थिति में भर्ती हुए थे। जांच में ब्रेन को खून की आपूर्ति करने वाली नसों में संक्रमण होने से बेसुध आए थे। उनकी नाक, साइनस से आंख से होते हुए फंगस ब्रेन की नलिकाओं एवं हड्डियों को तोड़ते हुए अंदर पहुंच गया था। ब्रेन की खून की सप्लाई बाधित होने से झटके आने लगे थे। उनकी भी इलाज के दौरान मौत हो गई।

ऐसे फैलता है संक्रमण

कमजोर प्रतिरोधक क्षमता के मधुमेह पीडि़त, जिन्हें कोरोना का संक्रमण हो चुका है। संक्रमण के दौरान स्टेरॉयड एवं खून पतला करने की दवाइयां चलाई गईं। लंबे समय तक आइसीयू में रहे, जिससे म्यूकरमाइकोसिस का संक्रमण शुरू हो गया। नाक और मुंह के रास्ते से होते हुए साइनस, आर्बिटल से आंख और आंख से होते हुए ब्रेन की स्कल बेस हड्डियों को तोड़ते हुए ब्रेन की छोटी-छोटी नसों के जरिए ब्रेन में पहुंच जाता है। ब्रेन के टिश्यू को क्षतिग्रस्त करते हुए फोड़ा जैसा बना देता है।

ये हैं लक्षण : सिर में भीषण दर्द, बेहोशी, चक्कर, उलटी एवं झटके आने लगते हैं।

  • ब्रेन में फंगल यानी म्यूकरमाइकोसिस का संक्रमण सबसे घातक एवं जानलेवा होता है। ब्रेन के जितने हिस्से में फंगस का संक्रमण होता है, उतने हिस्से को काटना पड़ता है। इसलिए ब्रेन में ब्लैक फंगस का इंफेक्शन ब्रेन को क्षतिग्रस्त कर देता है। कई बार ऑपरेशन करने की स्थिति भी नहीं बन पाती है। संक्रमित दम तोड़ देता है। इसलिए शुरुआती अवस्था में संक्रमण को पहचान कर तत्काल इलाज कराएं। -डॉ. मनीष सिंह, विभागाध्यक्ष न्यूरो सर्जरी जीएसवीएम

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