तेजी से बढ़ रहे ब्लैक फंगस के मरीज, दो महिलाओं की हो चुकी है मौत, अब कानपुर बनेगा इंजेक्शन सेंटर
कानपुर में ब्लैक फंगस का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है हालांकि चिकित्सकों द्वारा दो अॉपरेशन किए जाने के बाद उम्मीदें बढ़ गई हैं। मुख्यमंत्री ने भी कानपुर को ब्लैक फंगस के इंजेक्शन सेंटर बनाए जाने की बात कही है।
कानपुर, जेएनएन। ब्लैक फंगस को लेकर सरकार ही स्वास्थ्य महकमा भी चिंतित है, लेकिन इन सबके बीच मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने दो ऑपरेशन करके अच्छे संकेत दिए है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने भी ब्लैक फंगस के इंजेक्शन सेंटर के रूप में बनाए जाने का एलान किया है। हालांकि इन सबके बीच बुरी खबर भी मिल रही है, मरीज लगातार बढ़ रहे हैं और अब दो मरीजों की मौत के बाद सतर्कता बढ़ा दी गई है। आंकड़ों के मुताबिक शहर में अबतक ब्लैक फंगस के छह केस सामने आ चुके हैं।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में ब्लैक फंगस से पीडि़त एचआइवी पॉजिटिव 60 वर्षीय महिला को गुरुवार को भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों के मुताबिक एचआइवी पॉजिटिव होने की वजह से महिला की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम थी और ऑक्सीजन लेवल भी 50 फीसद रह गया था। न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष सिंह ने सीटी स्कैन कराया तो पता चला कि संक्रमण नाक, साइनस, आर्बिटल होते हुए आंख से ब्रेन तक पहुंच चुका है। दिमागी नसें ब्लॉक होने के कारण ब्लीडिंग होने से स्थिति गंभीर थी और देर रात उसकी मौत हो गई।
वहीं दूसरे केस में कन्नौज के गांधी नगर निवासी 42 महिला के आंखों में दिक्कत होने पर हैलट इमरजेंसी में गुरुवार रात 2.42 बजे भर्ती हुई थी। नेत्र रोग विभाग में चेकअप के बाद उसे ईएनटी में डॉ. नमृता को रेफर कर दिया था। मरीज के स्वजन ने बताया कि बेहतर इलाज के लिए शनिवार को लखनऊ के संजय गांधी आयुॢवज्ञान संस्थान लेकर जाने के लिए निकले फिर उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के लिए निकले लेकिन फिर घर ले गए, जहां उसकी मौत हो गई।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने बताया कि एचआइवी संक्रमित होने से महिला की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर थी। कोरोना और ब्लैक फंगस संक्रमण से उनकी हालत और बिगड़ गई थी। शनिवार को उनकी बायोप्सी करानी थी, लेकिन सुबह ही उनकी मौत हो गई। हैलट अस्पताल में ब्लैक फंगस से यह पहली मौत है। दूसरी महिला को स्वजन लेकर चले गए थे।