PM Modi के स्वागत की तैयारी में मनमानी पर फंसे जल निगम के अभियंता, शासन ने बिठाई जांच
राष्ट्रीय गंगा परिषद की पहली बैठक में बीते वर्ष दिसंबर माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शहर आगमन के समय जलनिगम के पास बैराज पर रंगरोगन की जिम्मेदारी थी।
कानपुर, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अग॒वानी में जल निगम के अभियंताओं ने हद दर्जे की मनमानी की। प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए बैराज के ट्रीटमेंट प्लांट की मरम्मत और रंगरोगन कराया, लेकिन मानकों का पालन नहीं किया गया। अब शासन की ओर से जांच शुरू होने के बाद जलनिगम के कई अभियंता रडार पर आ गए हैं। फिलहाल दस्तावेज उपलब्ध न कराने से नाराज मुख्य अभियंता ने पत्र भेजकर रिपोर्ट मांगी है।
राष्ट्रीय गंगा परिषद की पहली बैठक 14 दिसंबर को कानपुर में हुई थी। इसकी अध्यक्षता करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए थे। उनके आगमन की तैयारियों के दौरान जल निगम के अभियंताओं ने बिना टेंडर कराए ही लाखों रुपये से बैराज स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का रंग-रोगन और मरम्मत का काम कराया था। शासन के संज्ञान में आने के बाद इसकी जांच शुरू हो गई, तो अभियंताओं ने मामले को दबाने का प्रयास किया। जांच के लिए दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं कराए। शासन ने इसे गंभीरता से लिया है।
अब जल निगम के मुख्य अभियंता (पीपीआरबीडी) राजीव निगम ने मुख्य अभियंता (कानपुर क्षेत्र) को पत्र भेजकर जानकारी मांगी है। इसमें कहा गया है कि कोई भी काम कराने से पहले ठेकेदार व विभाग के मध्य दरों व शर्तों का अनुबंध किया जाता है। उसी आधार पर काम होता है, लेकिन पत्रवली में फर्म के मूल कोटेशन लिफाफों सहित नहीं है। काम हो चुका है, लेकिन फाइल में वास्तविक माप संबंधी अभिलेख भी दर्ज नहीं हैं। इसके अलावा काम कराने से पहले और बाद की फोटोग्राफ भी नहीं है। इन्हें उपलब्ध कराने के साथ-साथ वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति व प्राप्त धनराशि की जानकारी मांगी गई है। फर्म को भुगतान किया गया है या नहीं यह भी अस्पष्ट है।