कानपुर के प्रवासी कामगारों काे बनाया जाएगा कुशल, भाजपा एमएलसी ने बनाई रूपरेखा
अबतक शहर में आए 11 हजार प्रवासी श्रमिक ऑन रिकॉर्ड हैं और हजारों श्रमिक ऐसे हैं जिनका अभी तक लेखा जोखा नहीं है।
कानपुर, जेएनएन। घर-गांव लौटकर आए प्रवासी कामगारों को रोजगार देने के लिए सरकार बेहद गंभीर है और अभी से तैयारी शुरू कर दी है। शहर लौटे प्रवासियों को काम देने के लिए लघु उद्योग भारती और आइआइए के करार के बाद अब उन्हें कुशल बनाने की भी पहल शुरू हुई है। इसके लिए भाजपा एमएलसी ने रूप रेखा तैयार की है और विकास भवन में सीडीओ व अन्य अफसरों की बैठक में प्रवासी श्रमिकों की स्किल मैपिंग कराने, कुशल कामगारों को आइटीआइ से ट्रेनिंग दिलाने के निर्देश दिए हैं।
भाजपा एमएलसी अरुण पाठक ने बताया कि अबतक शहर में 11 हजार प्रवासी श्रमिक ऑन रिकॉर्ड आ चुके हैं। इसके अलावा कई ऐसे श्रमिक हैं, जिनका लेखा जोखा नहीं है। उन्होंने ऐसे सभी श्रमिकों का सर्वे कराने के लिए भी कहा है। इस दौरान सीडीओ ने बताया कि श्रमिकों का ब्लाकवार सर्वे कराकर स्किल मैपिंग तैयार की जा रही है। श्रमिकों को उनके हुनर के हिसाब से टेनिंग दिलाई जाएगी।
बैठक में मनरेगा के उपायुक्त एके सिंह ने बताया कि 742 परियोजनाओं में साढ़े बाइस हजार श्रमिकों को काम दिया गया है। अरुण पाठक ने आंधी-बारिश में बर्बाद फसलों का सर्वे पूरा कराने के लिए भी कहा। इस अवसर पर जिला पंचायत राज अधिकारी सर्वेश पांडेय, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी मोहम्मद जफर खां मौजूद थे।