भाजपा का मंडल प्रशिक्षण वर्ग तय करेगा सक्रियता, निष्क्रियता पर हो सकती कार्यवाही
भाजपा के मंडल प्रशिक्षण वर्ग में 60 फीसद उपस्थिति नहुई तो फेल वह फेल माना जाएगा और शामिल ना होने वालों की सूची नेतृत्व को भेजी जाएगी। इसपर निष्क्रिय पदाधिकारियों से पूछताछ के बाद कार्यवाही भी की जा सकती है।
कानपुर, जेएनएन। भाजपा के मंडल प्रशिक्षण शिक्षा वर्ग में अगर 60 फीसद से कम पदाधिकारियों की उपस्थिति हुई तो उस मंडल के प्रशिक्षण वर्ग को असफल फेल करार दिया जाएगा। इसके साथ ही प्रशिक्षण वर्ग में ना आने वालों की सूची नेतृत्व को भेजी जाएगी, जहां से उन पर कार्यवाही की जाएगी।
28 अक्टूबर से उत्तर जिला में मंडल प्रशिक्षण वर्ग शुरू होने जा रहे हैं। इन प्रशिक्षण वर्ग में मंडल की पूरी कमेटी के अलावा मंडल के स्तर पर गठित मोर्चा व प्रकोष्ठों के अध्यक्ष व महामंत्री को बुलाया गया है। मंडल में रहने वाले जिला, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारियों को भी प्रशिक्षण वर्ग में रहना है। अनुमान लगाया जा रहा है कि एक मंडल के प्रशिक्षण वर्ग में सौ के करीब पदाधिकारी हो जाएंगे। दो दिन का यह प्रशिक्षण शिक्षा वर्ग अलग-अलग सत्रों में होगा। एक बार वहां आने के बाद कोई जा ना सके, इसके लिए उपस्थिति शुरुआत में दर्ज होगी और इसके बाद हर सत्र की शुरुआत में उपस्थिति ली जाएगी।
पूरे मंडल के दौरान अगर यह पाया गया कि वहां 60 फीसद से कम लोग थे तो प्रशिक्षण वर्ग को ही फेल बता कर उसकी रिपोर्ट नेतृत्व को भेज दी जाएगी। इस दौरान यह भी जांचा जाएगा कि उस मंडल में रहने वाले कौन-कौन से पदाधिकारी प्रशिक्षण वर्ग के दौरान नहीं आए। इन सभी के नाम व पद नेतृत्व को भेज दिए जाएंगे। पार्टी पदाधिकारियों के मुताबिक इस प्रशिक्षण वर्ग में शामिल होने के बहुत कड़े नियम हैं जिनका सभी को पालन करना होगा, इससे कई बड़े पदाधिकारी प्रशिक्षण से गायब रह सकते हैं। खासतौर पर मंच पर सिर्फ दो लोगों के बैठने के प्रतिबंध के चलते बहुत से लोग आना नहीं चाहते हैं।