बसपा की नींव में भाजपा की सेंध
जागरण संवाददाता, कानपुर : निकाय चुनाव में कुछ सांसें लेती महसूस हुई बसपा की नींव में भाजपा
जागरण संवाददाता, कानपुर : निकाय चुनाव में कुछ सांसें लेती महसूस हुई बसपा की नींव में भाजपा ने सेंध और तेज कर दी है। अब तक नीला झंडा उठाए घूम रहे तीन सक्रिय दलित नेताओं पर भाजपा ने आखिरकार भगवा रंग चढ़ा ही दिया। पूर्व मंडल को-ऑर्डिनेटर, पूर्व जोनल को-ऑर्डिनेटर और पूर्व विधानसभा प्रत्याशी ने रविवार को भाजपा का दामन थाम लिया।
चुनाव दर चुनाव कमजोर होती जा रही बसपा का वोट बैंक लंबे समय से भाजपा के निशाने पर है। योजनाओं और रणनीति से दलितों को अपने पाले में खींचती जा रही भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले बसपा खेमे में खलबली मचा दी। कई वरिष्ठ और प्रभावशाली नेताओं को भगवा पटका पहना दिया। मगर, निकाय चुनाव के परिणामों से पार्टी के रणनीतिकारों को शायद ऐसा अहसास हुआ कि बसपा फिर अपने संगठन को ऑक्सीजन देने का प्रयास कर रही है। लिहाजा, सेंधमारी अब फिर तेज हो गई है। संभवत: इसी का नतीजा है कि रविवार को बसपा से रसूलाबाद विधानसभा क्षेत्र की पूर्व प्रत्याशी पूनम शंखवार, पूर्व जिलाध्यक्ष एवं जोनल को-ऑर्डिनेटर आसकरन शंखवार और पूर्व मंडल को-ऑर्डिनेटर धर्मेद्र सिंह पाल ने अंसल भवन स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में अपने समर्थकों सहित भाजपा का दामन थाम लिया। उन्हें भाजपा की सदस्यता कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के प्रभारी एवं प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक, क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह और क्षेत्रीय महामंत्री संगठन ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने दिलाई। भाजपा नेताओं का यह दांव सिकंदरा उपचुनाव की रणनीति का हिस्सा भी माना जा सकता है। अब यह तीनों नेता और इनके समर्थक वहां दलित और पिछड़ी जाति के वोटरों पर प्रभाव डालने का प्रयास करेंगे।