बिठूर की रेल को सीआरएस की हरी झंडी
जागरण संवाददाता, कानपुर : वर्षो बाद आखिर वह दिन आ ही गया, जिसका इंतजार पौराणिक नगर बिठ
जागरण संवाददाता, कानपुर :
वर्षो बाद आखिर वह दिन आ ही गया, जिसका इंतजार पौराणिक नगर बिठूर को था। रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने मंधना से ब्रह्मावर्त, बिठूर रेलमार्ग को हरी झंडी दे दी है। सर्वे करने के बाद सीआरएस ने नए ट्रैक का शानदार बताया। हालांकि, कुछ आंशिक बदलाव के सुझाव भी दिए, जिन पर काम होते ही इस ट्रैक पर ट्रेन दौड़ने लगेगी।
रेल संरक्षा आयुक्त एके जैन, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी निर्माण सुधांशु शर्मा, इज्जतनगर रेल मंडल प्रबंधक डीके सिंह, चीफ इंजीनियर मुकेश कुमार, चीफ इंजीनियर टीएमसी एके चौधरी, चीफ इंजीनियर सिग्नल दूरसंचार डीके राय आदि अधिकारियों की टीम मंगलवार दोपहर साढ़े तीन बजे मंधना रेलवे स्टेशन पहुंची। पांच कोच वाली सीआरएस स्पेशल ट्रेन ट्रैक निरीक्षण के लिए मंधना से रवाना हुई। सीआरएस स्पेशल के पीछे सभी अधिकारी ट्रालियों पर सवार हुए। करीब पौन घंटे तक आठ किमी रेलवे ट्रैक का निरीक्षण हुआ। ठीक सवा चार बजे सीआरएस स्पेशल ब्रह्मावर्त रेलवे स्टेशन पहुंची। दैनिक जागरण से बातचीत में सीआरएस एके जैन ने कहा कि कुछ बदलाव किए जाने हैं। जल्द ही इस ट्रैक में ट्रेन दौड़ती नजर आएगी। पांच बजकर 29 मिनट पर सभी अधिकारी स्पीड टेस्ट के लिए सीआरएस स्पेशल में सवार हुए और मंधना लौट गए।
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13 साल बाद बिठूर ने सुनी रेल की सीटी
घाटे का सौदा बताकर 15 नवंबर 2005 को 119 साल पुरानी बिठूर की रेल लाइन को बंद कर दिया गया था। इसके बाद सेंट्रल स्टेशन से फर्रुखाबाद के बीच बड़ी लाइन बिछाने के लिए नया प्रोजेक्ट पास हुआ तो बिठूर को छोड़ दिया गया। बाद में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने 11 नवंबर 2007 में मंधना से बिठूर तक रेल मार्ग का शिलान्यास कर उम्मीदों को फिर जिंदा कर दिया था। 13 साल बाद मंगलवार को सीआरएस स्पेशल बिठूर पहुंची थी। स्वागत के लिए भारी भीड़ स्टेशन पर एकत्र थी। जैसे इंजन ने सीटी बजाई, स्टेशन पर बच्चे तालियां बजाने लगे। भीड़ की आंखों में बेहतर भविष्य की चमक दिखाई दी।
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110 किमी की गति से दौड़ी रेल
बिठूर रेल मार्ग पर सीआरएस स्पेशल 15 किमी प्रतिघंटा की चाल से आई थी, लेकिन वापसी में स्पीड ट्रायल के दौरान ट्रेन 110 किमी प्रतिघंटा की चाल ट्रैक पर दौड़ी।
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सिग्नल प्रणाली ने दिया धोखा
सीआरएस सर्वे में सब कुछ ठीक रहा, सिवाय सिग्नल के। सिग्नल प्रणाली के धोखा से रेलवे फाटक भी बंद नहीं हुए। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही यह समस्या दूर कर दी जाएगी।
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आते ही सीआरएस बोले, गंगा दिखाओ
सीआरएस एके जैन ने ब्रह्मावर्त रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद सबसे पहले मां गंगा दर्शन किए। वह ट्राली से पुराने रेलवे स्टेशन तक गए और दूर से ही गंगा के दर्शन कर वापस लौट आए। स्टेशन परिसर में पौधरोपण भी किया।
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अंडरपास निर्माण में अभी लगेगा वक्त
बिठूर-मैनावती मार्ग पर निर्माणाधीन अंडरपास का तेजी के साथ काम किया जा रहा है। इसे पूरा होने में एक माह का समय और लगेगा।