Bikru Case: गैंगस्टर विकास दुबे और जय बाजपेई के करीब एक दर्जन साथियों पर विजिलेंस की नजर
जय बाजपेयी के गिरोह पर शिकंजा कसने की तैयारी। शहर में करीब एक दर्जन लोग जांच के दायरे में। होमगार्ड महेंद्र ङ्क्षसह राजकुमार प्रजापति आलोक शुक्ला के नामों का जिक्र एएसपी केसी गोस्वामी की रिपोर्ट में था और इनके खिलाफ भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
कानपुर, जेएनएन। गैंगस्टर विकास दुबे और जय बाजपेई के दर्जन भर साथियों पर विजिलेंस की नजर है। एक ओर जहां प्रवर्तन निदेशालय इनकी संपत्तियों की जांच कर रहा है, वहीं विजिलेंस ने इनसे जुड़े अपराधिक संबंधों को खंगालना शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक अब तक करीब तीन लोगों की कुंडली विजिलेंस खंगाल चुका है।
ईडी से जांच कराने का मिल चुका आदेश
बिकरू कांड के बाद विकास दुबे और उसके खजांची जय बाजपेई से जुड़े तमाम लोग जांच की दायरे में हैं। इनमें से अधिकांश जय बाजपेई से जुड़े लोग हैं। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने 147 करोड़ रुपये की संपत्ति की जांच प्रवर्तन निदेशालय से कराने का आदेश दिया था। यह आदेश एसआइटी रिपोर्ट के आधार पर किए गए थे। मगर, जय बाजपेई के संबंध केवल आर्थिक अपराध तक ही सीमित नहीं थे। सूत्रों की मानें तो उसके संबंध कई अन्य प्रकार के अपराध में शामिल लोगों से भी थे।
विजिलेंस जांच से आगे बढ़ सकती है कार्रवाई
पुलिस ने विजय नगर चौराहे से जो तीन गाडिय़ां बरामद की थीं, वह क्रमश: प्रमोद कुमार निवासी न्यू ईदगाह कॉलोनी, राहुल निवासी किसान नगर और कपिल ङ्क्षसह निवासी अशोक नगर की थीं। इसमें केवल राहुल के खिलाफ फर्जी विधायक पास लगवाने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है। इसके अलावा अन्य दोनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं होमगार्ड महेंद्र ङ्क्षसह, राजकुमार प्रजापति, आलोक शुक्ला के नामों का जिक्र एएसपी केसी गोस्वामी की रिपोर्ट में था और इनके खिलाफ भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पुलिस ने अब तक जय बाजपेई के तीनों भाईयों रजय बाजपेयी, शोभित और अजय को ही उसके खिलाफ दर्ज गैंगस्टर के मुकदमे में सह आरोपित बनाया है। ऐसे में विजिलेंस जांच शुरू होने से माना जा रहा है कि इस मामले में कार्रवाई की जद और आगे बढ़ सकती है।