Bikru Case: विकास की मदद के आरोप में इन 13 सरकारी कर्मियों पर लटकी कार्रवाई की तलवार
एसआइटी की जांच में संदिग्ध मिली थी भूमिका।जमीनों पर कब्जे में विकास की मदद करने का है आरोप। एसआइटी की इस संस्तुति पर कमिश्नर डॉ. राजशेखर ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं। कमिश्नर ने 10 दिसंबर तक कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट भी मांगी है।
कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड में विकास दुबे के मददगार रहे 13 सरकारी कर्मियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। दरअसल विकास पर कई लोगों की जमीनों को गलत तरीके से अपने नाम कराने और सरकारी जमीनों पर कब्जा करने के आरोप लगे थे। इसमें एसआइटी ने संबंधित संपत्तियों से जुड़े स्वामित्व, विवादित जमीनों व अन्य विषयों पर जांच कर बिकरू, बिल्हौर तहसील और कानपुर नगर व देहात में तैनात इन 13 कर्मियों की भूमिका संदिग्ध बताई थी।
कर्मचारी दिखाते ईमानदारी तो न होता बिकरू कांड
अधिकारियों का मानना था कि यदि यह कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारी से निर्वहन करते तो शायद बिकरू कांड जैसी भयावह तस्वीर नहीं होती। जांच के बाद एसआइटी ने कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की थी। इसमे कुछ कर्मचारी ऐसे हैं जो बिकरू में तैनात रहे जबकि कुछ बिल्हौर और रूरा में तैनात थे। जांच के दौरान चार कर्मचारियों के नाम सामने नहीं आए जिसके चलते उनकी नियुक्ति की तारीख के आधार पर कार्रवाई की संस्तुति की गई है। एसआइटी की इस संस्तुति पर कमिश्नर डॉ. राजशेखर ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं। कमिश्नर ने 10 दिसंबर तक कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट भी मांगी है।
इनके खिलाफ होगी कार्रवाई
-राम लखन कमल, राजस्व निरीक्षक बिल्हौर तहसील
-ऋषभ दुबे, लेखपाल ग्राम बिकरू
-अनिल कुमार तत्कालीन क्षेत्रीय लेखपाल
-रामेश्वर तत्कालीन क्षेत्रीय लेखपाल
-सुशील कुमार तत्कालीन क्षेत्रीय लेखपाल
-बालादीन क्षेत्रीय लेखपाल
-राम किशोर क्षेत्रीय लेखपाल
-रवि प्रकाश क्षेत्रीय लेखपाल
-कमलेश कुमार, लेखपाल अकबरपुर
चार पर नियुक्ति की तारीख के आधार पर होगी कार्रवाई
-20 अप्रैल 1992 को नियुक्त लेखपाल क्षेत्र बिकरू
-20 फरवरी 2008 को नियुक्त लेखपाल क्षेत्र रूरा
-26 अगस्त 2008 को नियुक्त लेखपाल क्षेत्र बिल्हौर
-16 मई 2008 को नियुक्त लेखपाल क्षेत्र बिल्हौर