Bikru Case: भाई की हत्या का केस फिर से खुलने की उम्मीद नहीं, मिलता रहा केवल आश्वासन
मनोज ने बताया कि उन्होंने 12 अक्टूबर 2001 को कानपुर देहात के शिवली थाने में हुई भाई संतोष शुक्ला की हत्या का पूरा घटनाक्रम बताया था। यह भी कहा था कि कुछ गवाहों के पलट जाने से विकास व उसके साथी केस से बरी हो गए थे।
कानपुर, जेएनएन। बिकरू कांड की जांच के लिए गठित एसआइटी ने रिपोर्ट शासन को सौंप दी, लेकिन दिवंगत दर्जा प्राप्त मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या का केस फिर से खुलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। यह कहना है संतोष के भाई मनोज शुक्ला का। उन्होंने कहा, एसआइटी ने सर्किट हाउस में विकास दुबे से पीडि़त परिवारों को बुलाकर बयान लिए थे। विकास के जितने भी अपराध हैं, उन सभी मुकदमों में दोबारा जांच कराने का भरोसा दिलाया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
दोबारा जांच की रखी थी मांग
मनोज ने बताया कि जुलाई में सर्किट हाउस में आई एसआइटी के सामने उन्होंने 12 अक्टूबर 2001 को कानपुर देहात के शिवली थाने में हुई भाई संतोष शुक्ला की हत्या का पूरा घटनाक्रम बताया था। यह भी कहा था कि कुछ गवाहों के पलट जाने से विकास व उसके साथी केस से बरी हो गए थे। दोबारा अपील की जाए और साक्ष्य पेश कराए जाएं तो उस केस में सजा हो सकती है। मनोज बताते हैं कि उस वक्त एसआइटी ने आश्वासन दिया था, विकास दुबे के सभी केसों की दोबारा जांच की सिफारिश की जाएगी। एक सप्ताह बाद उन्हें लखनऊ भी बुलाया गया था, लेकिन चार माह बीतने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला। मनोज शुक्ला ने बताया कि एसआइटी ने भाई साहब (संतोष शुक्ला) की हत्या के साथ ही विकास के खिलाफ दर्ज हुए अन्य कई मुकदमों में भी पीडि़त परिवारों को भरोसा दिलाया था। अब तक किसी भी केस में कोई प्रगति नहीं हुई। एसआइटी ने क्या रिपोर्ट दी? किसी को नहीं मालूम। न ही फिर कभी इन परिवारों से कोई संपर्क किया गया।