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Bikru Case: रेलवे की जमीन पर लोगों ने बना लिए पक्के मकान, आरपीएफ और इंजीनियरिंग विभाग की जांच में खुला सच

ब्रह्मनगर में 1968 में लीज पर दी थी जमीन लोगों ने बना लिए पक्के मकान। कार्रवाई की तैयारी। बिकरू कांड के बाद विकास दुबे के खजांची जय बाजपेयी पर पुलिस ने शिकंजा कसा था। इसी दौरान जय और उसके भाइयों पर ब्रह्मनगर में कब्जा कर बेचने के आरोप लगे।

By ShaswatgEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 09:44 PM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 09:44 PM (IST)
Bikru Case:  रेलवे की जमीन पर लोगों ने बना लिए पक्के मकान, आरपीएफ और इंजीनियरिंग  विभाग की जांच में खुला सच
बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे का किला ढहाने के बाद मलबे की सांकेतिक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। ब्रह्मनगर में बस्ती रेलवे की जमीन पर बसी है। यहां सवा सौ से ज्यादा परिवार हैं लीज की जमीन पर मकान बनाकर रह रहे हैं। इसमें अधिकतर ने किराया देना तक बंद कर दिया है। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और इंजीनियङ्क्षरग विभाग की जांच में ये बड़ा राजफाश हुआ है। आरपीएफ ने रिपोर्ट उत्तर मध्य रेलवे को भेज दी है। सूत्रों के मुताबिक रेलवे अधिकारी इसमें बड़ा निर्णय ले सकते हैं। 

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बिकरू कांड के बाद विकास दुबे के खजांची जय बाजपेयी पर पुलिस ने शिकंजा कसा था। इसी दौरान जय और उसके भाइयों पर ब्रह्मïनगर में रेलवे की जमीन को कब्जा कर बेचने के आरोप लगे। आरपीएफ और रेलवे के इंजीनियङ्क्षरग विभाग को इसकी जांच सौंपी गई। अधिकारी बताते हैं कि जय और उसके भाइयों द्वारा कब्जा कर जमीन बेचने की शिकायत तो किसी ने नहीं की लेकिन यहां रेलवे की जमीन पर 128 परिवार रह रहे हैं जिसमें 78 परिवारों ने किराया देना तक बंद कर दिया है। यह जमीन वर्ष 1968 में लीज पर दी गई थी। आरपीएफ के मुताबिक जांच के बाद एक बात तो साफ हो गई कि यह जमीन रेलवे की है। विभागीय अफसरों की अनदेखी व लापरवाही से रेलवे की जमीन पर कब्जे होते चले गए। 


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