कानपुर में कागज में ट्रैफिक सुधार, जगह-जगह अतिक्रमण के चलते फंसते वाहन
इसके चलते जनता को भुगतान पड़ रहा है। जरीब चौकी से पीरोड तक बिना पाॄकग के निर्माण हो गए है। व्यावसायिक गतिविधियां होने के कारण जाम लगा रहता है। वहीं फेरी नीति को पिछले 14 साल से लागू कराया जा रहा है लेकिन केवल कागज में ही पालन हो रहा
कानपुर, जेएनएन। कागज में शहर का ट्रैफिक सुधार की तैयारी चल रही है। सड़कों, चौराहा और फुटपाथ को अतिक्रमण से मुक्त नहीं कराया गया है। शहर के फुटपाथ को दुकानदार और सड़़क को ठेले वाले लील गए है। ऐसे में वाहनों का निकलना मुश्किल हो गया है। बुजुर्गों, महिलाओं व बच्चों का पैदल निकलना दूभर हो गया है। फुटपाथ पर कब्जे होने के कारण सड़क पर लोग पैदल चलने को मजबूर है। रही सही कसर क़ेडीए ने पूरी कर दी है। व्यावसायिक इमारतों में पार्किंग नहीं होने के कारण और जाम लगा रहा है। केडीए के दस्ते को कब्जे नहीं दिखाई दे रहे है।
विजय नगर से डबलपुलिया होते हुए नमक फैक्ट्री चौराहा, शारदानगर से छपेड़ापुलिया तक, गुमटी नंबर पांच, पीरोड, सीसामऊ बाजर, लाल बंगला, काकादेव, रावतपुर, चमनगंज, बेकनगंज, दलेलपुरवा, मेस्टन रोड, मूलगंज, घंटाघर, बादशाही नाका, कलक्टरगंज, नयागंज, जनरलगंज, अनवरगंज समेत कई इलाकों में वाहन चलाना दूर पैदल चलना मुश्किल हो जाता है।शहर सुधार को लेकर मंडलायुक्त खुद कई बार बैठके ले चुके है। केडीए की बोर्ड बैठक में भी आदेश दिए है कि बिना पार्किंग के निर्माण नहीं होने दिया जाए। लेकिन शहर में धडल्ले से बिना पाॄकग के निर्माण हो रहा है।
इसके चलते जनता को भुगतान पड़ रहा है। जरीब चौकी से पीरोड तक बिना पाॄकग के निर्माण हो गए है। व्यावसायिक गतिविधियां होने के कारण जाम लगा रहता है। वहीं फेरी नीति को पिछले 14 साल से लागू कराया जा रहा है लेकिन केवल कागज में ही पालन हो रहा है। सड़क पर ठेले खड़़े होने के कारण रोज जाम लगता है। बाजारों का हाल बेहाल है। फुटपाथ पर दुकानदारों ने शोरूम बना लिए है और दुकानों को भंडार बना दिया है। पार्षद नवीन पंडित, अरविंद यादव, राधवेंद्र मिश्र, महेंद्र पांडेय, नीरज बाजपेयी ने बताया कि हर भवन में पाॄकग की व्यवस्था हो तो जाम पर अंकुश लगेगा। सड़क पर वाहन नहीं रहेंगे तो जाम नहीं लगेगा।