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कानपुर देहात में चोरी की नौ बाइकों के साथ दो चोर गिरफ्तार, बंद फैक्ट्री में छिपाकर रखे थे वाहन

एएसपी घनश्याम चौरसिया ने बताया कि मंगटा गजनेर निवासी अतुल ङ्क्षसह व टिकमापुर सजेती कानपुर नगर निवासी धीरेंद्र ङ्क्षसह यादव को सूचना पर भोगनीपुर पुलिस व स्वाट टीम ने भोगनीपुर से पकड़ा। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह रेकी के बाद बाजारों से बाइक पार कर देते हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 04:48 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 04:48 PM (IST)
कानपुर देहात में चोरी की नौ बाइकों के साथ दो चोर गिरफ्तार, बंद फैक्ट्री में छिपाकर रखे थे वाहन
कानपुर देहात में चोरी की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर देहात, जेएनएन। रेकी के बाद मास्टर चाभी की मदद से बाइक चोरी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को स्वाट व भोगनीपुर पुलिस ने पकड़ा है। शातिरों ने बाइक छिपाने को भोगनीपुर में झांसी हाइवे किनारे एक बंद फैक्ट्री को चुना था। वह फर्जी कागजात भी तैयार कर लेते थे। पकडऩे वाली टीम को 11 हजार का इनाम दिया गया है। 

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एएसपी घनश्याम चौरसिया ने बताया कि मंगटा गजनेर निवासी अतुल ङ्क्षसह व टिकमापुर सजेती कानपुर नगर  निवासी धीरेंद्र ङ्क्षसह यादव को मुखबिर की सूचना पर भोगनीपुर पुलिस व स्वाट टीम ने  भोगनीपुर से पकड़ा। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह रेकी के बाद बाजारों से बाइक पार कर देते हैं। उनकी निशानदेही पर बंद पड़ी एक फैक्ट्री में खड़ी 10 बाइक को बरामद कर लिया, इनमें भोगीनपुर, अकबरपुर समेत अन्य क्षेत्र से चोरी की बाइक शामिल हैं। सीओ भोगनीपुर प्रभात कुमार ने एक परिचित के जरिए चोरी इन्होंने सीखी और तीन माह से इस काम में लगे हैं। यह नंबर प्लेट बदलकर फर्जी कागजात की स्कैन कापी निकालकर उसकी मदद से गांवों में इन्हें बेच देते थे। चोरी की बाइक खड़ी होने की जानकारी फैक्ट्री मालिक को थी या नहीं इसकी जांच की जाएगी। बाइक के अलावा एक तमंचा व कारतूस भी मिला है। पकडऩे वाली टीम में थाना प्रभारी भोगनीपुर राजेश कुमार ङ्क्षसह, स्वाट प्रभारी प्रशांत गौतम, विकल्प चतुर्वेदी, भारत सिंह, देवेंद्र राजावत, स्वाट के जयकुमार, अवधेश, दुर्गेश कुमार, सोनू यादव, अनूप कुमार, सर्विलांस से अजीत व ध्यानेंद्र रहे।

आरटीओ कार्यालय का कोई हो सकता शामिल: पुलिस ने बताया कि फर्जी कागजात तैयार करने में बहुत बारीकी से कंप्यूटर की स्कैन कापी  निकालकर बेचा जा रहा था। आशंका है कि इसमें आरटीओ कार्यालय का भी कोई शामिल हो। ऐसे में जांच की जाएगी कि आखिर कोई यहां का भी तो नहीं शामिल है। वहीं चोरी से मिले रुपये से दोनों अपने महंगे शौक पूरे करते थे। 


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