एटीएम में कैश डालने वालों ने गायब किए 44 लाख, आठ शातिरों की तलाश रही कानपुर पुलिस
बैंकों के एटीएम में डाले जाने वाले कैश गबन करने पर सीएमएस इंफोसिस्टम कंपनी के आठ कस्टोडियनों के खिलाफ दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए हैं। डीसीपी पश्चिम से शिकायत के बाद कार्रवाई शुरू हुई और आरोपितों की तलाश की जा रही है।
कानपुर, जेएनएन। विभिन्न बैंकों के एटीएम में नकदी डालने वाली सीएमएस इंफोसिस्टम कंपनी के आठ कर्मचारियों व कस्टोडियनों ने मिलकर 44.13 लाख रुपये पार कर दिए। आडिट में इस खेल का पता चला। इसके बाद कोहना थाने में दो मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। पुलिस ने मामले की जांच के साथ ही आरोपितों की तलाश शुरू कर दी है।
नवाबगंज विष्णुपुरी स्थित कंपनी की शाखा के वाल्ट इंचार्ज संकल्प श्रीवास्तव के मुताबिक, कुछ माह पूर्व तक वाल्ट कस्टोडियन बिधनू यशोदा नगर निवासी जितेंद्र राजपूत और बिरहाना रोड निवासी अजय कुमार गुप्ता थे। बैक आफिस में शुक्लागंज (उन्नाव) के ऋषिनगर निवासी सूरज तिवारी नियुक्त था। चार माह पूर्व एक्सिस बैंक ने कैश कम होने की सूचना दी तो कंपनी ने जांच शुरू की। इसमें पता लगा कि जितेंद्र और अजय बैक आफिस कर्मी सूरज की मदद से वाल्ट रजिस्टर में ओवरराइटिंग करके पैसा गायब करते थे। 28 अगस्त से 30 सितंबर के बीच उन्होंने वाल्ट से 10 लाख रुपये का गबन किया। यही नहीं कस्टोडियन सरोजनीनगर निवासी हरिशंकर और फतेहपुर के धींगरवा बाबूपुर निवासी अमन सिंह एटीएम में नकदी रखने के लिए ले गए 12 लाख रुपये पार कर दिए।
कंपनी के ब्रांच मैनेजर मनीष दीक्षित ने भी दो कस्टोडियन उन्नाव के आदर्श नगर निवासी यश पांडेय, फतेहपुर के मुंतोर ललोली निवासी निर्मल कुमार और यश के पिता अनिल के खिलाफ गबन का मुकदमा लिखाया है। अनिल कुमार यश के गारंटर हैैं। मनीष के मुताबिक, दोनों आरोपितों के रूट पर 29 एटीएम हैं। अप्रैल में दोनों आरोपित एटीएम का आडिट कराने नहीं आए। बचा हुआ कैश नहीं लौटाया और फोन भी बंद कर लिए। जब एटीएम का आडिट किया गया तो पता लगा कि पी रोड, हर्ष नगर, श्यामनगर, हालसी रोड, आर्यनगर, रतनलाल नगर, स्वरूप नगर आदि स्थानों पर स्थित विभिन्न बैंकों के एटीएम में 22.13 लाख रुपये कम लोड किए गए थे।
ऐसे किया खेल
गबन का खेल दबाने के लिए सूरज ने कैश मूवमेंट आर्डर अपने व कस्टोडियन अभय गौतम के नाम से बनाया। इसमें पहले 10 लाख रुपये एक्सिस हिटाची से एसबीआइ में और 11 लाख रुपये आइसीआइसीआइ के एटीएम में ट्रांसफर दिखाया। हरीशंकर व अमन ने जो 10 लाख रुपये गबन किए थे, वह कैश भी पूरा दिखा दिया।
तीन लाख रुपये लौटाए फिर नौकरी छोड़ी
पूछताछ में आरोपित सूरज तिवारी ने जितेंद्र राजपूत, अजय, अमन, हरिशंकर के साथ मिलकर गबन की बात कुबूल की। तीन लाख रुपये वाल्ट में जमा भी कराए, लेकिन बाकी पैसा देने से पहले ही नौकरी छोड़कर फरार हो गया। बाकी आरोपित भी नौकरी छोड़कर चले गए।