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Earthquake: चक्रवात की तरह भूकंप की भी सुनाई देगी आहट, सटीक जानकारी से बचेंगी जिंदगियां

Earthquake News नॉर्थ ईस्टन हिल विवि शिलांग के प्रोफेसर देवेश वालिया ने जानकारी दी कि जमीन के अंदर की हलचल बताने वाले नई तकनीक के उपकरणों का परीक्षण चल रहा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 08:51 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 08:51 AM (IST)
Earthquake: चक्रवात की तरह भूकंप की भी सुनाई देगी आहट, सटीक जानकारी से बचेंगी जिंदगियां
Earthquake: चक्रवात की तरह भूकंप की भी सुनाई देगी आहट, सटीक जानकारी से बचेंगी जिंदगियां

कानपुर, जेएनएन। चक्रवात व तूफान की तरह भूकंप के आने की आहट भी जल्द सुनाई देगी। ऐसे उपकरण विकसित किए जा रहे हैं, जो जमीन के अंदर की हलचल की सटीक जानकारी देकर भूकंप की भविष्यवाणी करेंगे। समय रहते जानकारी मिलने से लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाकर उनकी जान बचाई जा सकेगी।

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डीएवी डिग्री कॉलेज में राष्ट्रीय ई-संगोष्ठी में नॉर्थ ईस्टन हिल विश्वविद्यालय शिलांग के प्रोफेसर देवेश वालिया ने बताया कि जमीन के नीचे थर्मल रेडीएशन से सिस्मिक तरंगें निकलती हैं। किस बारंबारता से तरंगें निकल रही हैं, यह रिकॉर्ड करने के उपकरण हमारे पास हैं। इनमें रिकार्ड आंकड़ों के विश्लेषण से भूकंप के मद्देनजर अत्यधिक, अधिक, संभावित, न्यूनतम संभावित और सामान्य क्षेत्रों का पता लगा भविष्यवाणी की जाती है। अब भूगर्भ केंद्रों के लिए ऐसे उपकरण बनाए जा रहे हैं, जो इससे कहीं अधिक क्षमतावान होंगे और वह समय रहते बता देंगे कि भूकंप आने वाला है।

प्राकृतिक आपदाओं के प्रबंधन पर कई शोध कार्य कर चुके प्रोफेसर वालिया ने कहा कि इस उपकरण से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए समय मिल जाएगा। इन पर परीक्षण चल रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। नई तकनीक व क्षमतावान उपकरणों से भूकंप का पता ठीक उसी प्रकार लगाया जा सकेगा, जिस प्रकार चक्रवात के बारे में भविष्यवाणी की जाती है। उन्होंने बताया कि चक्रवात का पता इसलिए करीब हफ्ते भर पहले लगाया जा सकता है क्योंकि इसकी हलचल समुद्र के अंदर होती है।

प्राकृतिक आपदाओं पर स्थानीय प्रशासन की भूमिका अहम

संगोष्ठी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रविशंकर सिंह ने बताया कि प्राकृतिक आपदाओं के घटित होने पर स्थानीय प्रशासन की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। डीएवी डिग्री कॉलेज के भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. जीएल श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना जैसी जैविक आपदा से बचाव के लिए सही रणनीति व एहतियात आवश्यक है। इस मौके पर प्राचार्य डॉ. अमित श्रीवास्तव, महर्षि दयानंद विवि के प्रो. मेहताब ङ्क्षसह, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. अरुण कुमार समेत अन्य शिक्षाविद् मौजूद रहे।


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