जीएसटी लागू होने के बाद से रिटर्न फाइल न करने वाले कारोबारियों को मिली बड़ी राहत, जानें क्या है मामला
जुलाई 2017 से अगर रिटर्न फाइल नहीं किए हैं तो भी उन्हें जमा कर सकेंगे जिस तिमाही कोई कारोबार नहीं उसमें कोई अर्थदंड भी नहीं लगाया जाएगा 22 सितंबर से 31 अक्टूबर के बीच कारोबारियों को अपने रिटर्न फाइल करने का मौका दिया गया
कानपुर, जेएनएन। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद से अब कई कारोबारियों के रिटर्न लंबित चल रहे हैं। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड ने ऐसे कारोबारियों को बड़ी राहत दी है। जिन कारोबारियों ने एक जुलाई 2017 से 31 मार्च 2020 तक किसी भी तिमाही में रिटर्न जमा नहीं किया तो वे उसे जमा कर सकते हैं। अगर कर कारोबार नहीं है तो कोई अर्थदंड नहीं लगेगा और यदि कर कारोबार हुआ है तो उन्हें 500 रुपये अर्थदंड देना होगा।
हजारों में पहुंची अर्थदंड की राशि
कई ऐसे कारोबारी हैं जिनके रिटर्न जीएसटीआर-4 में फाइल नहीं हैं। रिटर्न लेट होने पर 50 रुपये प्रतिदिन का अर्थदंड लगता है। मामले पुराने होने की वजह से यह अर्थदंड की राशि हजारों में हो चुकी है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इस अर्थदंड से कारोबारियों को बचाने के लिए निर्देश दिया है। 22 सितंबर से 31 अक्टूबर के बीच कारोबारियों को अपने रिटर्न फाइल करने का मौका दिया गया है। इसमें जिस तिमाही में कारोबार हुआ है तो उस समय के लिए 500 रुपये देने होंगे, वरना बिना किसी अर्थदंड के उनका रिटर्न फाइल हो जाएगा।
जीएसटीआर 10 में भी राहत
खुद कारोबार बंद करने पर जब विभाग की तरफ से कैंसिलेशन का ऑर्डर जाता है तो उसके 30 दिन के अंदर जीएसटीआर 10 भरना होता है। इसे 'फाइनल रिटर्न' कहा जाता है। 30 दिन में इसे जमा न करने पर 10 हजार रुपये अर्थदंड लगता है। अब इसमें भी राहत दी गई है। बोर्ड ने कहा है कि जिनके भी जीएसटीआर 10 बाकी हैं, वे 500 रुपये जमा कर 31 दिसंबर 2020 तक अपने रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
इनका ये है कहना
यह कारोबारियों के लिए बड़ी राहत है। तीन वर्ष में जीएसटी के दौरान जिनके भी जीएसटीआर 4 व जीएसटीआर 10 फाइल ना हुए हों वे इस समय अपने इन रिटर्न को आसानी से फाइल कर सकते हैं। - मोनू कनौजिया, टैक्स सलाहकार