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कानपुर में मरीजों के साथ खिलवाड़, नर्सिंगहोम में बिना सूचना चल रहा डेंगू का इलाज, पीड़ित बच्ची की मौत

कुरसौली गांव की रमजानी की 14 वर्षीय पुत्री सबीना कई दिनों से बुखार आने पर कल्याणपुर स्थित वैभव हास्पिटल में भर्ती कराया था। वहां चार दिन भर्ती रखा लेकिन डेंगू की जांच नहीं कराई। जब किशोरी की हालत बिगड़ गई और उसकी नाक से खून आने लगा।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 11:20 AM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 05:26 PM (IST)
कानपुर में मरीजों के साथ खिलवाड़, नर्सिंगहोम में बिना सूचना चल रहा डेंगू का इलाज, पीड़ित बच्ची की मौत
कानपुर में डेंगू की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। स्वास्थ्य महकमे ने कल्याणपुर क्षेत्र में बिना पंजीकरण एवं बिना मानक चले रहे नर्सिंग होम एवं निजी अस्पतालों के संचालकों को मरीजों की जान से खिलवाड़ करने की खुली छूट दे रखी है। यही वजह है कि इस सेंटरों में आए दिन मौतें होती हैं। इस बार कल्याणपुर स्टेशन के सामने स्थित निजी अस्पताल में महकमे को बिना सूचना दिए बुखार पीडि़त किशोरी को चार दिन भर्ती रखा, न ही डेंगू की जांच कराई। हालत बिगडऩे पर हाथ खड़े कर दिए, बिना रेफर लेटर के स्वजन भटकते रहे। अंतत: एलएलआर इमरजेंसी में 11 अक्टूबर की देर रात रात बच्ची की मौत हो गई। महकमे के अफसर रविवार को जांच करने पहुंचे और नोटिस देकर कागजात के साथ संचालक को कार्यालय बुलाया है।

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कुरसौली गांव की रमजानी की 14 वर्षीय पुत्री सबीना कई दिनों से बुखार आने पर कल्याणपुर स्थित वैभव हास्पिटल में भर्ती कराया था। वहां चार दिन भर्ती रखा, लेकिन डेंगू की जांच नहीं कराई। जब किशोरी की हालत बिगड़ गई और उसकी नाक से खून आने लगा। ऐसे में संचालक ने उसे रतनपुर स्थित न्यू सिटी हास्पिटल भेज दिया। इलाज से जुड़े कोई कागजात भी नहीं दिए। निजी अस्पताल संचालक ने भर्ती नहीं किया, स्वजन उसे एलएलआर अस्पताल लेकर गए, जहां दो घंटे बाद बच्ची ने दम तोड़ दिया। इस गंभीरता से लेते हुए सीएमओ ने जांच के आदेश दिए थे। सीएमओ डा. नैपाल ङ्क्षसह के मुताबिक डा. सुबोध प्रकाश यादव और कल्याणपुर सीएचसी के डाक्टर को जांच के लिए भेजा था। निजी अस्पताल में न कोई डाक्टर और न ही प्रशिक्षित स्टाफ मिला। कागज पर ही डाक्टर व कर्मचारी दिखाए गए थे। संचालक को नोटिस दिया गया है।

प्लेटलेट्स व प्लाज्मा के वसूले 36 हजार रुपये : निजी अस्पताल में बुखार पीडि़त हरिओम भर्ती हैं। उनकी मां शशिकला ने बताया कि अब तक 4 यूनिट प्लेटलेट््स एवं 12 यूनिट प्लाज्मा चढ़ा चुके हैं। अस्पताल प्रबंधन अभी छह यूनिट प्लेटलेट्स और चढ़ाने के लिए कह रहा है। प्रबंधन प्लेटलेट्स एवं प्लाज्मा का अब तक 36 हजार रुपये वसूल चुका है। 


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