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कानपुर के LLR अस्पताल में नहीं हो सकी मरीज की डायलिसिस, उर्सला में युवक ने तोड़ा दम

गोविंद नगर निवासी छोटे लाल का 24 वर्षीय पुत्र इंद्रेश कुमार क्रानिक किडनी डिजीज से पीडि़त था। रविवार शाम साढ़े छह बजे स्वजन ने उसे गंभीर स्थिति में भर्ती कराया था। युवक की सांसें फूल रहीं थीं उसे आक्सीजन लगाया गया था।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 12:42 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 12:42 PM (IST)
कानपुर के LLR अस्पताल में नहीं हो सकी मरीज की डायलिसिस, उर्सला में युवक ने तोड़ा दम
कानपुर उर्सला अस्पताल की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। एलएलआर अस्पताल में क्रानिक किडनी डिजीज (सीकेडी) से पीडि़त युवक का हीमोग्लोबिन कम होने पर डाक्टरों ने डायलिसिस करने से इन्कार कर दिया। खून चढ़ाने की सलाह देने पर मरीज के स्वजन भड़क गए। सोमवार दोपहर एक बजे डाक्टरों पर डायलिसिस न करने का आरोप लगाते हुए मरीज को उर्सला लेकर गए वहां डाक्टर ने डायलिसिस तो किया, लेकिन शाम पांच बजे युवक की सांसें थम गईं।

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गोविंद नगर निवासी छोटे लाल का 24 वर्षीय पुत्र इंद्रेश कुमार क्रानिक किडनी डिजीज से पीडि़त था। रविवार शाम साढ़े छह बजे स्वजन ने उसे गंभीर स्थिति में भर्ती कराया था। युवक की सांसें फूल रहीं थीं, उसे आक्सीजन लगाया गया था। उसकी बहन राधिका का आरोप है कि इमरजेंसी में भर्ती करने के बाद मेडिसिन विभाग के वार्ड 14 में भेज दिया। जहां एक बेड पर दो-दो मरीज भर्ती थे। ऐसे में दिक्कत होने पर चटाई बिछाकर भाई को रखा गया। भाई बेदम रहा, लेकिन डाक्टरों ने उसकी डायलिसिस नहीं कराई। सोमवार को कई बार डाक्टरों से आग्रह किया, लेकिन वह कम हीमोग्लोबिन होने की बात कहते रहे। खून चढ़ाने के लिए भी कहा, लेकिन कोई कुछ बताने को तैयार नहीं थे।  इससे पहले भी एक बार ऐसा ही किया गया था। इसलिए उसकी डायलिसिस उर्सला अस्पताल में कराते थे। स्वजन इंद्रेश को दोपहर 1.15 बजे एंबुलेंस से उर्सला लेकर चले गए। उर्सला के डायलिसिस यूनिट में भाई की डायलिसिस की गई। शाम पांच बजे उसकी सांसें थम गईं।

अकेला भाई था इंद्रेश: तीन बहनों के बीच इंद्रेश अकेला भाई था। भाई की मौत के बाद घर में कोहराम मच गया। उसकी बहनों का रो-रो कर बुरा हाल था। वह एलएलआर अस्पताल के डाक्टरों के लापरवाही से मौत की बात कह रहीं थीं।

इनका ये है कहना: 

किसी प्रकार की लापरवाही नहीं हुई है। मरीज की हीमोग्लोबिन 5.9 ग्राम था। उसका टीएलसी भी 15 हजार से ऊपर था, जो संक्रमण बढ़ा होने का संकेत है। ऐसी स्थिति में मरीज की डायलिसिस संभव नहीं है। - प्रो. रिचा गिरि, मेडिसिन विभागाध्यक्ष, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।


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