Move to Jagran APP

अब आंखों का काम करेंगे दस्ताने और दृष्टिहीनों को दिखाएंगे राह, हाईस्कूल के छात्र ने बनाया ब्लाइंड ग्लव्स

कानपुर के जय नारायण विद्या मंदिर इंटर कालेज के हाईस्कूल छात्र ने ब्लाइंड ग्लव्स बनाएं हैं जो दृष्टिहीनों के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे। आंखों की तरह काम करने वाले ये दस्ताने 90 सेमी की दूरी पर किसी तरह की बाधा पर संदेश देकर अलर्ट कर देंगे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 10:59 AM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 10:59 AM (IST)
अब आंखों का काम करेंगे दस्ताने और दृष्टिहीनों को दिखाएंगे राह, हाईस्कूल के छात्र ने बनाया ब्लाइंड ग्लव्स
हाईस्कूल के छात्र ने बनाए हैं ब्लाइंड ग्लव्स।

कानपुर, [समीर दीक्षित]। चलते-फिरते समय नेत्र दिव्यांगों (दृष्टिहीन) के अक्सर किसी वस्तु से टकराने की आशंका रहती है। अब उन्हें ऐसी मुश्किलों से काफी हद तक निजात मिलेगी। उनके नेत्र बनेंगे ब्लाइंड ग्लव्स। ये रास्ते में किसी भी तरह की बाधा होने पर अलर्ट करेंगे। इन्हें तैयार करने में सफलता पाई है शहर के जय नारायण विद्या मंदिर इंटर कालेज में 10वीं के छात्र निर्भय कटियार ने। इन्हें पहनने या पास रखने के बाद दृष्टिहीन आसानी से चल-फिर सकेंगे। अब तक 20 नेत्र दिव्यांगों पर इसका सफल परीक्षण हो चुका है। ग्लव्स को स्कूल केंद्र सरकार की इंस्पायर अवार्ड कैटेगरी के लिए भेज रहा है।

loksabha election banner

जल्दी नहीं होंगे खराब, दुकान में हो सकेंगे ठीक

निर्भय के मुताबिक, ग्लव्स में एक अल्ट्रासोनिक सेंसर लगा है। साथ ही नौ वोल्ट की बैट्री से जुड़ी वाइब्रेट मोटर भी लगाई गई है। दृष्टिहीन इन ग्लव्स को पहनकर चलेंगे तो उनके सामने या अगल-बगल 90 सेमी.की दूरी पर कोई बाधा (कुर्सी, मेज, सड़क किनारे खड़े वाहन, बिजली पोल आदि अन्य वस्तुएं) आने पर ग्लव्स वाइब्रेट होने लगेंगे। इससे उन्हें संदेश मिल जाएगा कि आगे कुछ गड़बड़ है। इससे वह सतर्क होकर खुद को संभाल लेंगे। निर्भय ने बताया कि इन ग्लव्स में की गई कोडिंग से यह जल्दी खराब नहीं होंगे। अगर कोई खराबी आती है तो आसानी से किसी बिजली उपकरण की दुकान से ठीक कराया जा सकेगा।

एक माह में किया तैयार, 500 रुपये आई लागत

स्कूल के भौतिकी के शिक्षक व टिंकर इंडिया लैब के संस्थापक कौस्तुभ ओमर ने बताया कि निर्भय को यह ग्लव्स तैयार करने में एक माह का समय लगा। इनकी लागत करीब 500 रुपये तक आई है। इसका प्रोटोटाइप स्टेम रोबो टेक्नोलाजी नोएडा को भेजा गया। उसने भी उसका परीक्षण किया है। इसे पेटेंट कराने की तैयारी है। इसके बाद बाजार में लाने के लिए कंपनियों से संपर्क किया जाएगा। बड़ी संख्या में उत्पादन पर कीमत भी कम होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.