पौधों को नहीं होगी अब पानी देने की जरूरत, नन्हे विज्ञानियों ने तैयार किया इनोवेटिव ऑटो प्लांट
अब पौधे को जरूरत के हिसाब से खुद पानी मिल जाएगा और कमरे में रखने से हरियाली भी बनी रहेगी। इसे तोहफे में देने के अलावा घरों में इंप्लांट किया जा सकता है और इसकी लागत भी सिर्फ एक हजार रुपये आती है।
कानपुर, [समीर दीक्षित]। अब तोहफे में दिया गया पौधा देखरेख नहीं होने पर भी सूखने के बजाय बेहतर ढंग से पनपेगा। वजह, गमले में रखे पौधे को पानी देने की परवाह करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जरूरत के हिसाब से उसे खुद पानी मिलता रहेगा। इससे तोहफे में दिए गए पौधे से आपका घर-आंगन हरियाली से भर जाएगा। यह तकनीक खोजी है जय नारायण विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में पढऩे वाले नौवीं के छात्र सारांश बंसल और सातवीं के छात्र दिव्यांश बंसल ने। दोनों ने इनोवेटिव ऑटो प्लांट गिफ्ट सेट नाम से किट तैयार की है।
ऑड्रिनो यूनो प्रोग्रामिंग पर आधारित इस किट में कमरे में रखे जाने वाले किसी भी पौधे के साथ पानी का छोटा सा टैंक लगा है, जो पौधे तक पानी पहुंचाएगा। सारांश ने बताया कि टिंकर इंडिया अभियान से जुड़कर किट तैयार की है। फिलहाल प्रत्येक की लागत 1000 रुपये आई है। बड़ी संख्या में उत्पादन से यह लागत घटने से बाजार में सस्ती दर पर लोग खरीद सकेंगे।
ऐसे पहुंचता है पानी
लैपटॉप या कंप्यूटर पर गूगल की मदद से ऑड्रिनो यूनो प्रोग्रामिंग तैयार होती है। इसके बाद ऑड्रिनो यूनो (इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस) से जंपर वायर (यूएसबी केबल) के माध्यम से रिले मोटर, स्वायल मॉश्चर सेंसर मॉड्यूल व पानी वाली मोटर पंप को जोड़ते हैं। इसके बाद पानी देने या अन्य गतिविधि के निर्देश पर सेंसर काम करने लगते हैं। इससे पौधे में पानी अपने आप पहुंचने लगता है। सेंसर की वजह से पानी उतना ही जाता है, जितना पौधे को जरूरत होती है। जैसे, किट में दो लीटर का टैंक लगाने से 20 दिन तक पर्याप्त पानी पौधे को मिल सकता है, लेकिन सेंसर के माध्यम से यह समयावधि घट-बढ़ भी सकेगी।
इन उपकरणों का किया इस्तेमाल: ऑड्रिनो यूनो, रिले मोटर, स्वायल मॉस्चर सेंसर, जंपर वायर, मोटर पंप।
जल्द आएगा बाजार में
टिंकर इंडिया अभियान के संयोजक शिक्षक कौस्तुभ ओमर का कहना है कि कई निजी क्षेत्र की कंपनियों से बातचीत चल रही है। जल्द ही उत्पाद बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होगा, जिसे कोई भी खरीद सकेगा।