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फतेहपुर में हादसा: पांटून पुल से यमुना में गिरा बरातियों का ट्रैक्टर, दो की बची जान, चालक लापता

Big Accident In Fatehpur स्थानीय लोगों का कहना था पांटून पुल के ऊपर से गुजरने में हमेशा जोखिम बना रहता है। दोनों ओर खतरनाक एप्रोच बनाकर आवागमन चालू कर दिया गया। चकर प्लेट व रेलिंग न होने से हादसों का अंदेशा बना रहता था।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 08:56 PM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 08:56 PM (IST)
फतेहपुर में हादसा: पांटून पुल से यमुना में गिरा बरातियों का ट्रैक्टर, दो की बची जान, चालक लापता
हादसे के बाद पांटून पुल पर जांच करते हुए एसडीएम प्रह्लाद सिंह।

फतेहपुर, जेएनएन। Big Accident In Fatehpur किशुनपुर व दांदो घाट के मध्य बने पांटून पुल पर बुधवार देर शाम बड़ा हादसा हो गया। बरातियों को लेकर बांदा जनपद के कमासिन कस्बा जा रहा ट्रैक्टर ट्राली के साथ यमुना नदी में गिर गया। अचानक हुए हादसे के बाद चालक के साथ बैठे दो बराती तो किसी तरह नदी से बाहर आ गए, परंतु चालक लापता हो गया। हादसे के तुरंत बाद प्रशासन को सूचना दी गई और तब एसडीएम प्रह्लाद सिंह, सीओ गयादत्त मिश्र व पुलिस फोर्स मौके पर पहुंचे।

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इस तरह हुआ हादसा: किशुनपुर थाने के अमनी गांव निवासी सोनू यादव की बरात बांदा जनपद के कमासिन कस्बा जा रही थी। कार से अधिकांश बराती पहले ही निकल गए थे। शादी का ही कुछ सामान लादने के लिए करन और मनोज कुमार कमासिन जा रहे थे। अमनी गांव निवासी 45 वर्षीय सियाराम पासवान ट्रैक्टर चला रहे थे। तीनों लोग पांटून पुल से गुजर ही रहे थे कि अचानक सामने आए एक बाइक सवार को बचाने में ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर नदी में गिर गया। हादसा देखकर आस-पास के लोग भागकर मौके पर पहुंचे। चालक के साथ बैठे दोनों लोग कुछ देर बाद तैरकर नदी से बाहर आ गए, लेकिन चालक का काफी देर बाद भी कोई पता नहीं चल सका। इसके अलावा ट्रैक्टर नदी में उसी समय डूब गया। हादसे के बारे में सूचना पाकर थानाध्यक्ष पंधारी सरोज पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। स्थानीय गोताखोर बुलाकर नदी में डूबे ट्रैक्टर चालक की तलाश की गई। मौसम खराब होने की वजह से तलाश का काम कुछ देर के लिए रोकना पड़ा। एसडीएम व सीओ ने मौके पर पहुंचकर हादसे के बारे में करन व मनोज से जानकारी ली। देर रात तक नदी में डूबे चालक की तलाश में गोताखोर लगे थे।

जर्जर पांटून पुल से विभागीय बेखबर: स्थानीय लोगों का कहना था पांटून पुल के ऊपर से गुजरने में हमेशा जोखिम बना रहता है। दोनों ओर खतरनाक एप्रोच बनाकर आवागमन चालू कर दिया गया। चकर प्लेट व रेलिंग न होने से हादसों का अंदेशा बना रहता था। कई बार विभागीय अधिकारियों को इसकी शिकायत दी गई। कोई ध्यान इस बारे में नहीं दिया गया।


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