मेट्रो प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले शहरवासियों के लिए ढूंढ़े जाएंगे सुगम रास्ते
पिलर बनाए जाने के दौरान जीटी रोड पर लगेगा जाम वाहनों को डायवर्ट करने के लिए तलाशे जाएंगे नए मार्ग।
कानपुर, जागरण संवाददाता। हर किसी की हसरत है कि शहर में मेट्रो दौड़े, पर उसके लिए पिलर बनाए जाने के दौरान जाम लगने की आशंका रोंगटे खड़ी कर देती है। हालांकि अफसरों ने इस ओर सोचना शुरू कर दिया है। मेट्रो प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले जीटी रोड को जाम और अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा।
पिलर बनाने के लिए खोदाई होगी तो जाम भी लगेगा, ऐसे में भारी वाहनों का रूट डायवर्ट किया जाएगा। इसके लिए वैकल्पिक मार्ग तय किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन की टीम केडीए, यातायात पुलिस व नगर निगम के अफसरों के साथ वैकल्पिक मार्गों को देखेगी। जीटी रोड को आइआइटी से गोल चौराहा तक अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा ताकि खोदाई के दौरान बेरीकेडिंग करने पर सड़क संकरी होने से जाम की स्थिति न बने।
ये रोड़े करने होंगे दूर
रूट- आइआइटी से मोतीझील तक
दूरी- 9 किलोमीटर
रोज वाहन चलते- डेढ़ लाख से ज्यादा
टेंपो दौड़ते- दो हजार
आटो- एक हजार
ई-रिक्शा- चार हजार
-आइआइटी से पॉलीटेक्निक चौराहा के बीच सात रेलवे क्रासिंग हैं। रास्ता चौड़ा है, लेकिन कदम-कदम पर अतिक्रमण है। सुगम सफर के लिए इसे हटना होगा।
-पॉलीटेक्निक चौराहा से रावतपुर तक तीन रेलवे क्रासिंग हैं। यहां जीटी रोड 15 मीटर चौड़ी है। डिवाइडर के बीच में पिलर खड़े होंगे, जिसमें तीन मीटर जगह चाहिए होगी। मौजूदा समय में बस, टेंपो, आटो, ठेले और ई-रिक्शा के चलते दिन भर जाम लगा रहता है। क्रासिंग बंद होने पर यातायात बेकाबू हो जाता है। इनके विकल्प भी तलाशने होंगे।
ये बन सकते वैकल्पिक मार्ग
- वाहनों को कल्याणपुर से इंदिरानगर, मकड़ीखेड़ा होते हुए अवधपुरी से जीटी रोड पर भेजा जा सकता है।
- कल्याणपुर बगिया क्रासिंग से वाहनों को मोड़कर आवास विकास केशवपुरम, नमक फैक्ट्री चौराहा, डबल पुलिया, काकादेव से मेडिकल कॉलेज पुल होते हुए मोतीझील की तरफ भेजा जा सकता है।