Move to Jagran APP

ओमिक्रोन के लिए बेड तो तैयार लेकिन डाक्टरों की कमी पड़ सकती है भारी, कानपुर में यह हैं हालात

एलएलआर अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या ने बताया कि 22 बेड का अलग वार्ड रिजर्व है। जहां वेंटीलेटर से लेकर सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। सिर्फ कमी डाक्टरों की है। जूनियर रेजीडेंट देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल से व्यवस्था प्रभावित हो रही है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 04:32 PM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 04:32 PM (IST)
ओमिक्रोन के लिए बेड तो तैयार लेकिन डाक्टरों की कमी पड़ सकती है भारी, कानपुर में यह हैं हालात
जूनियर रेजीडेंट डक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।

कानपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन की दस्तक के बाद देश में खलबली मची हुई है। ओमिक्रोन वैरिएंट ने दिल्ली में दस्तक दे दी है। शासन के स्तर से लगातार निगरानी हो रही है। सीएमओ कार्यालय ने जीएसवीएम मेडिकल कालेज से ओमिक्रोन से निपटने की जानकारी मांगी है। एलएलआर अस्पताल प्रशासन ने मेटरनिटी विंग के चौथे तल पर 22 बेड का अलग वार्ड बनाया है। उपकरणों के साथ बेड तैयार हैं, लेकिन देशव्यापी जूनियर रेजीडेंट की अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से इलाज करने वाले डाक्टर ही नहीं हैं। 

loksabha election banner

कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के संक्रमितों की संख्या देश में लगातार बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश में ओमिक्रोन का अभी तक एक भी केस नहीं मिला है। दिल्ली में ओमिक्रोन संक्रमित मिलने के बाद से प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी गई है। स्क्रीनिंग व सैंपलिंग पर फोकस करने का निर्देश दिया गया है। लगातार बैठकें चल रही हैं। सीएमओ कार्यालय से एलएलआर अस्पताल में तैयारियों को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है। इस पर एलएलआर अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या ने बताया कि 22 बेड का अलग वार्ड रिजर्व है। जहां वेंटीलेटर से लेकर सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। सिर्फ कमी डाक्टरों की है। जूनियर रेजीडेंट देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। उनके कार्य बहिष्कार से व्यवस्था प्रभावित हो रही है। कंसलटेंट ओपीडी, इमरजेंसी और इनडोर की व्यवस्था संभाल रहे हैं। ऐसे में डाक्टरों की कमी बड़ी समस्या बनी हुई है।

वैकल्पिक इंतजाम भी मांगा: एलएलआर के प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या ने जेआर की हड़ताल को देखते हुए वैकल्पिक इंतजाम करने के लिए भी कहा है। उनका कहना है कि अगर अचानक से ओमिक्रोन के संक्रमित बढ़ते हैं तो वैसी स्थिति में वैकल्पिक इंतजाम भी करके रखा जाए। 

बोले जिम्मेदार: प्रदेश में अभी ओमिक्रोन का एक भी केस रिपोर्ट नहीं हुआ है। बावजूद इसके तैयारियों की समीक्षा की जा रही है। उन तैयारियों से शासन को अवगत कराया जा रहा है। जेआर की हड़ताल के बाद उत्पन्न स्थिति से भी शासन को अवगत करा दिया गया है। - डा. जीके मिश्रा, अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.