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Kanpur : रोशनी गंवाने वाले 5 बुजुर्गों की आंखों में मिला खतरनाक बैक्टीरिया, नहीं काम आती है एंटीबायोटिक दवाएं

कानपुर में मोतियाबिंद आपरेशन के बाद आंखो की रोशनी खोने वाले बुजुर्गों की आंखों में खतरनाक खतरनाक बैक्टीरिया के संक्रमण की पुष्टि हुई है। आपरेशन के बाद स्यूडोमोनास एरुगिनोसा ग्राम निगेटिव बैक्टीरिया का संक्रमण मिला है। इस प्रकार के संक्रमण में किसी भी तरह की एंटीबायोटिक दवाएं बेअसर होती हैं।

By Jagran NewsEdited By: Ekantar GuptaPublished: Tue, 29 Nov 2022 07:54 PM (IST)Updated: Tue, 29 Nov 2022 07:54 PM (IST)
Kanpur : रोशनी गंवाने वाले 5 बुजुर्गों की आंखों में मिला खतरनाक बैक्टीरिया, नहीं काम आती है एंटीबायोटिक दवाएं
कानपुर में मोतियाबिंद आपरेशन के बाद रोशनी खोने वाले बुजुर्गों की आंखो में मिला बैक्टीरियल इंफेक्शन।

कानपुर, जागरण संवाददाता। बर्रा पुलिस चौकी के पीछे स्थित आराध्या आई हास्पिटल में मोतियाबिंद आपरेशन के बाद रोशनी गंवाने वाले बिल्हौर तहसील के शिवराजपुर क्षेत्र के सुघर देवा गांव के छह बुजुर्गों की आंखों के पानी और पस के नमूने में खतरनाक बैक्टीरिया के संक्रमण की पुष्टि हुई है। मंगलवार को सीएमओ को जीएसवीएम मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग से भेजी गई कल्चर जांच रिपोर्ट में पांच ग्रामीणों में स्यूडोमोनास एरुगिनोसा ग्राम निगेटिव बैक्टीरिया का संक्रमण मिला है, जिस पर अच्छी से अच्छी एंटीबायोटिक दवाएं बेअसर होती हैं। उनमें से सिर्फ एक की आंखों में बैक्टीरियल संक्रमण नहीं मिला है।  

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एलएलआर अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में सुघर देवा गांव के 70 वर्षीय राजाराम कुरील, 63 वर्षीय रमेश कश्यप, 63 वर्षीय नन्हीं उर्फ मुन्नी देवी, 75 वर्षीय सुल्ताना देवी, 72 वर्षीय शेर सिंह और 67 वर्षीय रमादेवी भर्ती हैं। मोतियाबिंद आपरेशन के बाद संक्रमण होने पर आंख से निकलने वाले पानी और पस का नमूना कल्चर जांच के लिए भेजा गया था। मंगलवार को आई रिपोर्ट में रमेश कश्यप, नन्हीं उर्फ मुन्नी देवी, सुल्ताना देवी, शेर सिंह और रमादेवी के आंख में खतरनाक बैक्टीरिया का संक्रमण मिला है।

इस वजह से ही उनकी आंखों की रोशनी चली गई है। उसमें से रमेश, नन्हीं देवी, सुल्ताना देवी और रमादेवी की आंखों पहले ही संक्रमण की वजह से गल चुकी हैं। उसमें से सिर्फ राजाराम कुरील की आंखों में बैक्टीरिया का संक्रमण नहीं मिला है, जिससे उनकी आंखों में हल्की रोशनी है। इलाज कर रहे डाक्टरों का कहना है कि उन्हें पहले से इंजेक्शन लगने लगे थे, जिससे बैक्टीरिया का संक्रमण नहीं मिला है। 

संक्रमण होता है घातक 

इस बैक्टीरिया का आंख में संक्रमण होने से रेटिना और कार्निया में सड़न हो जाती है। पूरी की पूरी आई बाल ही खराब हो जाती है। इसलिए इन सभी पांचों मरीजों की आंख निकालने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है। अभी तक किसी भी मरीज ने सर्जरी की अनुमति नहीं दी है। विभागाध्यक्ष प्रो. परवेज खान का कहना है कि बुधवार को फिर से स्वजन से सर्जरी के लिए अनुमति मांगेंगे। अगर अनुमति नहीं देंगे तो उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।  

यह हो सकती लापरवाही 

मेडिकल कालेज के विशेषज्ञों का कहना है कि यह बैक्टीरिया खतरनाक होता है। इसका संक्रमण आपरेशन  थियेटर यानी ओटी से ही मिलता है। कई बार आपरेशन थियेटर और उपकरण ठीक से स्ट्रेलाइज नहीं करने से दिक्कत होती है। ओटी के कर्मचारियों द्वारा ठीक से तैयार नहीं करने से भी संक्रमण हो सकता है। 

एलएलआर अस्पताल में भर्ती छह में से पांच मरीजों की आंखों में खतरनाक बैक्टीरिया का संक्रमण मिलने की पुष्टि हुई है। मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलाजी विभाग की लैब की जांच में स्यूडोमोनास एरुगिनोसा ग्राम निगेटिव बैक्टीरिया मिला है। हालांकि उसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है। यह घातक बैक्टीरिया है, जिस पर अधिकतर एंटीबायोटिक बेअसर होती हैं। आराध्या आई हास्पिटल के ओटी की कल्चर रिपोर्ट अभी नहीं आई है। - डा. आलोक रंजन, सीएमओ, कानपुर नगर।


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