Indian Book Record के लिए 36 घंटे में India Gate तक 460 किमी के सफर पर अविरल
कानपुर के मसवानपुर से साइकिल से यात्रा शुरू की जगह-जगह हौसला आफजाई को लोग खड़े रहे।
कानपुर, जेएनएन। अपनी किस्मत गढऩे को बेताब हाथों में हैंडिल और पैडल पर दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ जमे पांव। दिल्ली दूर है... लेकिन इतनी भी नहीं कि साइकिल से एक निर्धारित समय में यात्रा के लक्ष्य पर पहुंचा न जा सके। यह साबित करने साइकिल से नई दिल्ली के लिए निकले शहर के अविरल सिंह। 36 घंटे में इंडिया गेट तक 460 किलोमीटर सफर पूरा करने के साथ इंडियन बुक रिकार्ड में नाम दर्ज कराएंगे। अविरल रात नौ बजे आगरा पहुंचकर साइकिल की मरम्मत करा रहे थे, ऐसे में उनका रिकार्डधारी बनना तय लग रहा है।
मंगलवार की सुबह मसवानपुर निवासी अशोक सिंह के छोटे पुत्र 17 वर्षीय अविरल की साइकिल यात्रा को राष्ट्रपति के भतीजे दीपक कोविंद ने सुबह साढ़े छह बजे हरी झंडी दिखाई। लोगों ने अविरल के हौसले को सलाम किया, मालाओं से लाद दिया। वह साढ़े सात बजे अभियान के लिए निकले। अकबरपुर में ओवरब्रिज के पास कुछ देर रुकने पर लोगों ने माला पहना उनकी हौसला आफजाई की। औरैया में भी स्वागत हुआ।
अविरल की कोशिश है कि रात तक वह आगरा पहुंच जाएं। उनके साथ भाई अतुल कुमार, राहुलरंजन, अभिमन्यु, कानपुर राइडर्स के गिनीज बुक रिकार्ड धारी दिव्यांग अक्षय ङ्क्षसह भी कार से हैं। अविरल को अक्षय से प्रेरणा मिली जो चार दिन में साइकिल से दिल्ली पहुंचे थे। उनसे मुलाकात में ही इंडियन बुक रिकार्ड के बारे में जानकारी प्राप्त हुई। अविरल ने कहा कि मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि तय समय से पहले पहुंचकर रिकार्ड अपने नाम कर सकूं। इसके बाद अगला लक्ष्य एशियन रिकार्ड का होगा।
ट्रायल के दौरान दो दिन में पहुंचे थे इंडिया गेट
अविरल अक्टूबर में नई दिल्ली के इंडिया गेट तक साइकिल यात्रा का ट्रायल भी कर चुके हैं। तब यात्रा के दौरान उनकी साइकिल का पहिया पंचर हो गया था और वह दो दिन में दिल्ली पहुंचे थे। इससे सबक लेते हुए इस बार कार में दूसरी साइकिल भी रखी गई है।
रुड़ी साइकिल से निकले रिकार्ड बनाने
अविरल के पास रुड़ी साइकिल है, जिसकी कीमत 25 हजार रुपये है। अविरल कहते हैं, लोगों में साइकिल चलाने के प्रति जागरूकता बढ़े, इसकी भी वह कोशिश हमेशा करते हैं और इसके फायदे लोगों को बताने से नहीं हिचकते।