पत्नी के चुनाव जीतने पर पति को मार दी थी गोली, तीन अभियुक्तों को आजीवन कारवास की सजा
औरैया के चर्चित राजवीर हत्याकांड में अदालत ने तीसरे आरोपी को आरोप सिद्ध न होने पर बरी कर दिया गया है।
औरैया, जेएनएन। शहर के बहुचर्चित राजवीर हत्याकांड में सोमवार को फैसला आते ही पीड़ित परिवार के कलेजे को ठंडक मिली। चार साल से न्याय की उम्मीद लगाए घर वालों को खुशी तब हुई जब अदालत ने हत्या के तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। आरोप सिद्ध न होने पर एक आरोपी को बरी कर दिया गया, जबकि एक आरोपी की पहले ही गंभीर बीमारी की चपेट में आकर मौत हो चुकी है। अदालत का फैसला आने के बाद स्वजनों ने कहा कि उन्हें न्याय पालिका पर पूरा विश्वास था।
नामजद पांच लोगों के खिलाफ चल रहा था मुकदमा
सदर कोतवाली के ग्राम जरूहौलिया में चुनाव जीतकर पत्नी के ग्राम प्रधान बनने पर 15 फरवरी 2016 को उनके पति राजवीर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पीड़ित पक्ष ने हत्या में शिशवेंद्र दुबे, शिव कुमार द्विवेदी, देवकी नंदन, राधेश्याम और राजकुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना के बाद आदलत में चार्जशीट फाइल कर दी थी और मुकदमा विचाराधीन था। इस दौरान एक याचिका पर हाईकोर्ट ने मुकदमे की सुनवाई अतिशीघ्र करने के निर्देश अधीनस्थ कोर्ट को जारी किए थे।
न्यायाधीश की कार पर हुआ था हमला
यह मुकदमा उस समय और चर्चा में आ गया था, जब दिबियापुर से औरैया कचहरी आ रहे न्यायाधीश की कार पर हमला कर दिया गया था, जिससे शीशा टूट गया था। मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश ने हमले के पीछे जरूहौलिया हत्याकांड के मुकदमे से संबंध की लिखित शंका व्यक्त की थी। इसके बाद मुकदमे की सुनवाई को अपर जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश (कक्ष संख्या 3) महेश चंद्र वर्मा की कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया गया था। 19 अगस्त को बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय कुमार शुक्ला कानपुर, हृदय नारायण पांडेय, देवेंद्र त्रिपाठी व डीडी मिश्रा ने बहस पूरी की। एडीजे महेश चंद्र वर्मा ने फैसला सुनानी की तारीख 31 अगस्त मुकर्रर की थी।
सुबह से कोर्ट में मौजूद रहा पुलिस फोर्स
फैसला आने के दिन दोनों पक्षों के लोगों के एकत्र होने के चलते एसपी को पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए थे। इस वजह से सोमवार को सुबह से ही न्यायालय परिसर में पुलिस बल तैनात रहा। सुबह से ही दिवंगत राजवीर के घर वाले भी पहुंच गए थे। सीओ सिटी सुरेंद्रनाथ यादव व सदर कोतवाल रामसहाय पर्याप्त पुलिस फोर्स के साथ मौजूद रहे।
राजवीर के घर पर भी दो पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। एडीजे महेशचंद्र वर्मा की कोर्ट ने आरोपित शिशवेंद्र दुबे, शिव कुमार द्विवेदी, देवकी नंदन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही शशिवेंद्र दुबे व शिवकुमार दुबे पर 55 हजार रुपये व देवकी नंदन पर 24 हजार रुपये अर्थदंड अदा करने का आदेश दिया है। मामले में एक आरोपी राजकुमार की दौरान मुकदमा सुनवाई गंभीर बीमारी से मृत्यु हो गई थी, जबकि अन्य आरोपी राधेश्याम को कोर्ट ने आरोप सिद्ध नहीं होने पर बरी कर दिया।