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गंगा का जलस्तर बढ़ते ही दरकने लगा करोड़ों से बना अटल घाट, देखने आए थे पीएम मोदी

नमामि गंगे योजना के तहत गंगा बैराज के पास 17 करोड़ की लागत से अटल घाट का निर्माण एक साल में पूरा हो सकता था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकार्पण किया था। गंगा का जलस्तर बढऩे के बाद निर्माण की गुणवत्ता की पोल खुल गई है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 09:57 AM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 09:57 AM (IST)
गंगा का जलस्तर बढ़ते ही दरकने लगा करोड़ों से बना अटल घाट, देखने आए थे पीएम मोदी
गंगा बैराज के पास नमामि गंगे योजना के तहत बनाया गया था।

कानपुर, जेएनएन। 17 करोड़ रुपये की लागत से एक साल में बने गंगा बैराज स्थित अटल घाट की सीढिय़ों के किनारे महज तीन साल बाद ही दरकने लगे हैं। जगह-जगह प्लास्टर उखड़ रहा है। गंगा के बढ़ते जलस्तर ने घाट में हुए कामों की गुणवत्ता की पोल खोल दी है। वहीं, पानी में डूबा घाट का आधा हिस्सा खतरनाक हो गया है। जरा सी चूक यहां घूमने आने वालों के लिए समस्या खड़ी कर सकती है। सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम भी नहीं किए गए हैं।

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नमामि गंगे योजना के तहत शहर में 44 करोड़ रुपये से दिल्ली की इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआइएल) कंपनी ने गंगा के 12 घाटों का जीर्णोद्धार कराया गया था। इसमें बैराज स्थित अटल घाट भी था। इसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ मार्च 2019 को निरालानगर रेलवे ग्राउंड से किया था और नमामि गंगे योजना की बैठक के लिए कानपुर आने पर घाट का निरीक्षण भी किया था।

14 दिसंबर 2019 को फिर शहर आकर प्रधानमंत्री ने यहीं से बोट पर सवार होकर सीसामऊ नाले की हकीकत देखी थी। अटल घाट में तीन घाट बने हैं। दूसरे और तीसरे घाट में सीढिय़ों के किनारे प्लास्टर कई जगह से उखडऩे संग चटक गया है। कई और स्थानों पर भी प्लास्टर उखडऩे के साथ किनारे चटक गए हैं। घाट में कुल 37 सीढिय़ों में से आधी पानी में डूब गई हैं। पानी ऊपर की तरफ बढ़ रहा है, लेकिन डूबी सीढिय़ों की ओर जाने वाले रास्ते को बंद नहीं किया गया है। इससे परिवार समेत यहां घूमने आने वालों के साथ किसी समय अनहोनी हो सकती है। कंपनी ने घाट नगर निगम को हैंडओवर कर दिया है।

एक नजर में बैराज स्थित अटल घाट

निर्माण हुआ : नमामि गंगे से

लागत आई : 17 करोड़ रुपये

बनना शुरू हुआ : 2017

निर्माण पूरा हुआ : 2018

लोकार्पण : 2019

बनाने वाली कंपनी : इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआइएल)

-अटल घाट में उखड़े प्लास्टर की जांच कराई जाएगी। कंपनी को पत्र लिखकर उसे ठीक कराया जाएगा। घाट में डूबी सीढिय़ों की तरफ लोगों को जाने से रोकने के लिए बांस-बल्ली लगवाई जाएंगी, जिससे कोई हादसा न हो। - आरके सिंह, अधिशासी अभियंता नगर निगम।


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