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Atal Bihari Vajpayee Birthday: कानपुर के कलक्टरगंज से जुड़े अटल जी के वो अमर किस्से जिन्हें आज भी याद करते हैं लोग

अटल बिहारी बाजपेयी अपने राजनीतिक और साहित्यिक मित्रों के साथ लगाते थे सभा। जिस समय पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी डीएवी काॅलेज में पढ़ाई कर रहे थे उस समय भी कलक्टरगंज के गुड़ मंडी का हनुमान मंदिर ऐसे सभी विषयों पर चर्चा करने का केंद्र था।

By ShaswatgEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 03:56 PM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 05:00 PM (IST)
Atal Bihari Vajpayee Birthday: कानपुर के कलक्टरगंज से जुड़े अटल जी के वो अमर किस्से जिन्हें आज भी याद करते हैं लोग
यहां राजनीतिक और साहित्यिक चर्चा कई बार चाय की चुस्कियों के साथ तीखी हो जाती थी।

कानपुर,  [जागरण स्पेशल]। शहर का कलक्टरगंज क्षेत्र आज भी चौपालों के लिए मशहूर है। यहां आज भी हर नुक्कड़ पर लोग राजनीति से लेकर शिक्षा व्यवस्था, व्यापारी से लेकर किसान और मौसम से लेकर साहित्य के मुद्​दों पर चर्चा करते दिख जाएंगे। जिस समय पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी डीएवी काॅलेज में पढ़ाई कर रहे थे उस समय भी कलक्टरगंज के गुड़ मंडी का हनुमान मंदिर ऐसे सभी विषयों पर चर्चा करने का केंद्र था।

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पूर्व पीएम यहां रोज सुबह और शाम अपने राजनीतिक और साहित्यिक मित्रों के साथ वह सभा लगाते थे। उस दौरान यहां राजनीतिक और साहित्यिक चर्चा कई बार चाय की चुस्कियों के साथ तीखी हो जाती थी। 

जब स्कूलाें की फीस पर अटल जी ने ली चुटकी 

अटल जी की कानपुर से जुड़ी यादों को जानने जब हम कानपुर के कलक्टरगंज क्षेत्र पहुंचे तो हमारा परिचय 89 वर्षीय सुरेश चंद्र दीक्षित से हुआ, जो अटल जी की सभाओं के गवाह हैं।

वह बताते हैं कि पहली बार अटल जी से 1953 में हनुमान मंदिर पर ही भेंट हुई थी। वह कुशल वक्ता की तरह अपने मित्रों से संवाद कर रहे थे। उन्हें याद है कि एक बार देवी प्रसाद शुक्ल राही ने फीस को लेकर बात कहना शुरू की। वह स्कूलों में ली जा रही अधिक फीस का विरोध कर रहे थे। इस पर अटल जी ने उनकी पूरी बात सुनी और हंसते हुए कहा कि- क्या फ्री में पढ़ना चाहते हैं। भई, यदि संसाधनों का प्रयोग कर रहे हैं तो उसके संसाधनों को बेहतर बनाए रखना भी हमारी ही जिम्मेदारी है। 

हर विचारधारा के लोग जुड़ते थे अटल जी से 

सुरेश चंद्र दीक्षित बताते हैं कि उस समय अटल जी की साहित्यिक और राजनीतिक चर्चा में सभी राजनीतिक दलों की विचारधारा से जुड़े लोगों का आना जाना था। उस समय चर्चा में कई ऐसे लोग शामिल होते थे जिन्होंने सत्ता के गलियारे तक का सफर तय किया। मंत्री रहे राम मनोहर त्रिपाठी, पूर्व सांसद पंडित नरेश चंद्र चतुर्वेदी, करुणा शंकर शुक्ला करूणेश, शिक्षाविद् रामकृष्ण तैलंग, पंडित सुंदर लाल वैद्य, पूर्व सांसद राम सहाय पांडेय, पूर्व विधान परिषद अध्यक्ष रहे जगदीश चंद्र दीक्षित जब पढ़ाई कर रहे थे तो वे चर्चा में अवश्य शामिल होते थे। 

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इनका ये है कहना 

वर्तमान में मंदिर के प्रबंधक सोमदत्त अग्निहोत्री बताते हैं कि तब उनके बाबा रामस्वरूप अग्निहोत्री मंदिर की व्यवस्था संभालते थे और वे हमें बताते थे कि अटल जी आते ही पहले हनुमान जी के दर्शन करते और फिर बिना प्रसाद लिए नहीं हटते थे।


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