ऐसा क्या हुआ कि कानपुर मेडिकल कालेज की एसोसिएट प्रोफेसर को देना पड़ा इस्तीफा
डॉ. शालिनी मोहन जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर और आई बैंक की प्रभारी हैं। त्यागपत्र में विभागाध्यक्ष डॉ. परवेज खान पर कई आरोप लगाए ।
कानपुर (जागरण संवाददाता) । जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग की महिला एसोसिएट प्रोफेसर ने अचानक पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को संबोधित त्यागपत्र की प्रति महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा (डीजीएमई) एवं प्राचार्य को भी भेजा है। उनके इस फैसले के बाद से चिकित्सा विभाग से जुड़े लोगों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि विभागाध्यक्ष से परेशान होकर उन्होंने यह कदम उठाया है।
ऐसे बिगड़ी बात
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शालिनी मोहन आई बैंक की प्रभारी हैं। त्यागपत्र में दी जानकारी के मुताबिक उन्होंने सीएमओ के निर्देश पर हर वर्ष की तरह इस बार भी आई बैंक में नेत्रदान जागरूकता पखवाड़ा मनाया। इस पर विभागाध्यक्ष ने लिखित एवं मौखिक रूप से आपत्ति जताई। महापौर प्रमिला पांडेय को मुख्य अतिथि बनाने पर एतराज जताते हुए स्पष्टीकरण मांगा। मंडलायुक्त एवं सीएमओ को बुलाना भी उन्हें नागवार गुजरा।
मानसिक प्रताडऩा का आरोप लगाया
डॉ. शालिनी का आरोप है कि विभागाध्यक्ष डॉ. परवेज खान एक माह से मानसिक रूप से प्रताडि़त कर रहे हैं। मानसिक तनाव की वजह से वह अवसाद एवं निराशा में घिर गई हैं। मौखिक एवं लिखित रूप से पूरे प्रकरण से प्राचार्य को भी अवगत करा चुकी हैं। त्यागपत्र में यह आरोप भी है कि विभागाध्यक्ष ने बिना कोई कारण बताए उन्हें ग्लूकोमा प्रभारी पद से हटा दिया। जबकि उन्होंने ही जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में पहली बार ग्लूकोमा सर्जरी शुरू की थी।
इनका कहना है
नेत्र रोग के विभागाध्यक्ष डॉ. परवेज खान का कहना है कि यह विभागीय मामला है। इसकी जानकारी प्राचार्य को दे दी है। रही बात ग्लूकोमा का चार्ज लेने की, डॉ. शालिनी के पास दो चार्ज थे, इसलिए हटाया है। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. नवनीत कुमार कहते हैं डॉ. शालिनी का त्यागपत्र मिला है। उन्होंने एसएमएस भी किया था। इसका समाधान आपसी सुलह से निकालेंगे। इसके लिए बुधवार को विभागाध्यक्ष डॉ. परवेज एवं डॉ. शालिनी को बुलाया है।