14 वर्ष तक लड़ी वरिष्ठता की लड़ाई तब जाकर सहायक ट्रैफिक अभियंता ने ऊपर जगह पाई
2006 में वरिष्ठता सूची में नीचे किया गया था अब लोक सेवा प्राधिकरण ने वापस ऊपर किया है।
कानपुर, जेएनएन। सरकारी विभागों में वरिष्ठता सूची में ऊपर-नीचे करने के खेल चलते रहते हैं। ऐसा ही खेल वर्ष 2006 में नगर निगम के सहायक अभियंता (यातायात) के साथ हुआ। आखिर 14 साल की लड़ाई के बाद लोक सेवा प्राधिकरण ने उन्हें वरिष्ठ माना और हाईकोर्ट ने भी निर्णय पर मुहर लगा दी। तब जाकर कहीं अब उन्हें अपनी जगह वापस मिली।
जानें-क्या है पूरा मामला
प्रदेश में नगर निगम में सहायक अभियंता ट्रैफिक के पांच पद हैं। वर्तमान में नगर निगम में अधिशासी अभियंता ट्रैफिक रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने 29 नवंबर 1990 को बनारस नगर निगम में ट्रैफिक विभाग में नौकरी शुरू की थी। उसी दिन सुरेश चंद्र सिंह ने भी उसी पद पर नौकरी शुरू की। रमेश चंद्र श्रीवास्तव के मुताबिक 2006 में वरिष्ठता सूची में उन्हें सुरेश चंद्र सिंह से नीचे कर दिया गया।
एक साल बड़े थे आयु में
उन्होंने लोक सेवा प्राधिकरण में याचिका की। उनका पक्ष था कि दोनों की नियुक्ति एक दिन हुई है लेकिन उनकी आयु सुरेश सिंह से एक वर्ष ज्यादा है, इसलिए उन्हें वरिष्ठ माना जाए। इसके आधार पर 2010 में लोक सेवा प्राधिकरण ने उनके पक्ष में निर्णय दिया। इसके कुछ दिन पहले सुरेश चंद्र सहायक अभियंता से अधिशासी अभियंता के पद पर प्रोन्नति पाए थे। फैसला आने के बाद दूसरा पक्ष हाईकोर्ट गया। साल 2012 में रमेश चंद्र श्रीवास्तव को भी अधिशासी अभियंता पर पदोन्नति मिली। अब हाईकोर्ट ने प्राधिकरण के निर्णय को मानकर याचिका खारिज कर दी।
शासन ने वरिष्ठता सूची में दिया स्थान
प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार सिंह ने रमेश चंद्र श्रीवास्तव को दोबारा वरिष्ठता सूची में उनका स्थान दिलाया। साथ ही तीन अगस्त 2012 की जगह 16 सितंबर 2010 से अधिशासी अभियंता ट्रैफिक की सुविधाएं देने के निर्देश दिए। जिस दिन सुरेश चंद्र सिंह को पदोन्नति दी गई थी।