Move to Jagran APP

यूपीसीडा के मुख्य अभियंता पर आयकर विभाग का शिकंजा, करोड़ों की संपत्तियां बेनामी घोषित Kanpur News

विभाग की टीमें कानपुर लखनऊ दिल्ली कोलकाता व बेंगलुरू में भी संपत्तियों की जांच कर रही हैं।

By Edited By: Published: Mon, 28 Oct 2019 12:56 AM (IST)Updated: Mon, 28 Oct 2019 09:15 AM (IST)
यूपीसीडा के मुख्य अभियंता पर आयकर विभाग का शिकंजा, करोड़ों की संपत्तियां बेनामी घोषित Kanpur News
यूपीसीडा के मुख्य अभियंता पर आयकर विभाग का शिकंजा, करोड़ों की संपत्तियां बेनामी घोषित Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के मुख्य अभियंता अरुण मिश्रा की उत्तराखंड स्थित 25 करोड़ की चार संपत्तियों को आयकर विभाग की बेनामी विंग ने अटैच कर लिया है। यह संपत्तियां कोलकाता में बनाई गई मुखौटा कंपनी अजंता मर्चेट्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिये भेजे गए धन से खरीदी गई थीं। सर्किल टीमें अब कानपुर, लखनऊ, दिल्ली, कोलकाता व बेंगलुरू में भी अरुण की संपत्तियों की जांच कर रही हैं।

loksabha election banner

आयकर विभाग ने कुछ माह पहले दिल्ली में अरुण मिश्रा का बंगला सीज किया था। यह बंगला अंजता मर्चेट्स प्राइवेट लिमिटेड ने खरीदा था। कंपनी के निदेशक एलिना नायक और अरुण के भाई अनुराग मिश्रा हैं। जांच में सामने आया था कि कोलकाता की मुखौटा कंपनियों के जरिये इस कंपनी में धन लाया गया था। इसी कपनी ने देहरादून का वह बंगला भी खरीदा है जिसमें अरुण के माता, पिता व कंपनी बराबर के हिस्सेदार हैं। भाई अनुराग की संपत्ति भी वहां है। इन सभी संपत्तियों को बेनामी विंग ने अटैच करने के लिए नोटिस दिया था। जवाब में अरुण मिश्रा व अन्य यह नहीं बता पाए कि संपत्तियों को खरीदने के लिए धन कहां से आया।

जांच में पाया गया कि अंजता मर्चेट्स प्राइवेट लिमिटेड एक बोगस कंपनी है जिसे कोलकाता में पंजीकृत कराया गया है। कंपनी से मिले धन से उत्तराखंड में अरुण मिश्रा की माता, पिता, भाई ने भी संपत्ति खरीदी थी। इन संपत्तियों को सर्किल रेट से भी कम पर खरीदा गया था। 2004 में कंपनी ने देहरादून में 1.02 करोड़ रुपये में संपत्ति खरीदी थी। आगे के वर्षो में तीन और संपत्ति खरीदी गई थीं। आयकर विभाग पश्चिम उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड की बेनामी विंग के उप आयकर आयुक्त शैलेंद्र पांडेय के आदेश पर बेनामी संपत्ति निषेध अधिनियम 1988 की धारा 24(4) के तहत इन संपत्तियों को प्रॉविजनल रूप से अटैच कर लिया गया है। इसकी रिपोर्ट एडज्यूडिकेटिंग अथॉरिटी को भेजी जा रही है। इन संपत्तियों को अंतिम रूप से बेनामी घोषित करने का निर्णय अथॉरिटी को ही करना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.