यूपीसीडा के मुख्य अभियंता अरुण मिश्रा को चार्जशीट लेने के लिए अंतिम मौका
यूपीसीडा के मुख्य अभियंता हैं अरुण पिछले साल हुआ था निलंबन कर्मचारी द्वारा आरोप पत्र न लेने पर जारी की गई सार्वजनिक नोटिस
By Edited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 01:42 AM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 10:31 AM (IST)
कानपुर,जेएनएन । उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के मुख्य अभियंता अरुण मिश्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। निलंबन के बाद प्राधिकरण द्वारा जारी की गई चार्जशीट (आरोप पत्र) कई प्रयास के बाद भी अरुण मिश्रा को रिसीव नहीं कराया जा सकी है। ऐसे में अब प्रबंधन ने सार्वजनिक नोटिस जारी किया है।
कहा है कि 15 दिन के अंदर उन्होंने जांच अधिकारी के कार्यालय से चार्जशीट रिसीव कर उत्तर नहीं दिया तो फिर यह मान लिया जाएगा कि वे अपने बचाव में कुछ नहीं कहना चाहते हैं। ऐसे में जांच अधिकारी को यह अधिकार होगा कि वे जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंप दें। मुख्य अभियंता अरुण मिश्रा को पिछले 16 अप्रैल को तत्कालीन प्रबंध निदेशक रणवीर प्रसाद ने निलंबित कर अयोध्या स्थित क्षेत्रीय कार्यालय से जोड़ दिया था। इस मामले में शासन ने कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार को जांच सौंपी है।
मामले में जांच अधिकारी ने आरोप पत्र देकर जवाब मांगना चाहा पर सफल नहीं हो सके, क्योंकि नवाबगंज स्थित ऑफिसर्स कॉलोनी के आवास में ताला बंद था और लखनऊ स्थित आवास पर तैनात कर्मचारी ने आरोप पत्र लेने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद आरोप पत्र की एक प्रति नवाबगंज स्थित अरुण के आवास पर चस्पा कर दी गई। बावजूद इसके अरुण ने कोई जवाब जांच अधिकारी को नहीं दिया। ऐसे में अब प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय प्रसाद ने सार्वजनिक सूचना प्रकाशित कर अरुण से कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि वे जानबूझकर आरोप पत्र नहीं ले रहे हैं। ऐसी दशा में वे जांच अधिकारी डॉ. प्रभात कुमार सिंह के कार्यालय से कभी आरोप पत्र ले लें और जवाब दें। बता दें कि अरुण मिश्रा की दिल्ली स्थित संपत्ति को हाल ही में आयकर विभाग ने अटैच किया है।
कहा है कि 15 दिन के अंदर उन्होंने जांच अधिकारी के कार्यालय से चार्जशीट रिसीव कर उत्तर नहीं दिया तो फिर यह मान लिया जाएगा कि वे अपने बचाव में कुछ नहीं कहना चाहते हैं। ऐसे में जांच अधिकारी को यह अधिकार होगा कि वे जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंप दें। मुख्य अभियंता अरुण मिश्रा को पिछले 16 अप्रैल को तत्कालीन प्रबंध निदेशक रणवीर प्रसाद ने निलंबित कर अयोध्या स्थित क्षेत्रीय कार्यालय से जोड़ दिया था। इस मामले में शासन ने कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार को जांच सौंपी है।
मामले में जांच अधिकारी ने आरोप पत्र देकर जवाब मांगना चाहा पर सफल नहीं हो सके, क्योंकि नवाबगंज स्थित ऑफिसर्स कॉलोनी के आवास में ताला बंद था और लखनऊ स्थित आवास पर तैनात कर्मचारी ने आरोप पत्र लेने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद आरोप पत्र की एक प्रति नवाबगंज स्थित अरुण के आवास पर चस्पा कर दी गई। बावजूद इसके अरुण ने कोई जवाब जांच अधिकारी को नहीं दिया। ऐसे में अब प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय प्रसाद ने सार्वजनिक सूचना प्रकाशित कर अरुण से कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि वे जानबूझकर आरोप पत्र नहीं ले रहे हैं। ऐसी दशा में वे जांच अधिकारी डॉ. प्रभात कुमार सिंह के कार्यालय से कभी आरोप पत्र ले लें और जवाब दें। बता दें कि अरुण मिश्रा की दिल्ली स्थित संपत्ति को हाल ही में आयकर विभाग ने अटैच किया है।
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