पिटू के दो हत्यारोपितों की जमानत पर बहस पूरी
दो अन्य आरोपितों को सुनवाई के लिए मिली तारीख अभियोजन व बचाव पक्ष ने रखे अपने-अपने तर्क
जागरण संवाददाता, कानपुर : बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड में दो आरोपितों की जमानत पर बहस पूरी हो गई, जबकि दो को सुनवाई के लिए अगली तारीख दे दी गई। अधिवक्ता के मुताबिक निर्णय बुधवार तक आ सकता है।
विशेष न्यायाधीश एससीएसटी डॉ. कपिला राघव के न्यायालय में पिटू सेंगर की हत्या में नामजद चार आरोपितों की जमानत पर मंगलवार को सुनवाई शुरू हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से जवाब के लिए समय मांगा गया। इस पर पिटू के पार्टनर मनोज गुप्ता की जमानत अर्जी पर 23 नवंबर और वीरेंद्र पाल की जमानत अर्जी पर 19 नवंबर को सुनवाई की तिथि तय की गई। अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि दूसरे आरोपित श्याम सुशील मिश्रा और सावेज सैफी के अधिवक्ताओं की ओर से बहस करने की बात कही गई। इस पर अभियोजन भी तैयार हो गया। बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि श्याम सुशील मिश्रा का हत्या में कोई हाथ नहीं है और न ही वह नामजद है। इसके विरोध में अभियोजन ने दलील दी कि अपराधियों को भगाने में श्याम की गाड़ी का प्रयोग हुआ था। गिरफ्तारी भी अपराधियों के साथ हुई थी। पिटू से प्रापर्टी का विवाद चल रहा था। उधर, सावेज के अधिवक्ता की ओर से तर्क दिया गया कि वह घटना के वक्त बाहर इलाज करा रहा था। उसे फंसाया गया है। अभियोजन ने तर्क दिया कि सावेज के पास से जो असलहा बरामद हुआ है, हत्या उसी से की गई थी। पुलिस ने एक लाख चार हजार रुपये बरामद किए थे। सावेज पर आरोप है कि उसने शूटरों की व्यवस्था की थी। अधिवक्ता के मुताबिक निर्णय सुरक्षित कर लिया गया है।