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अब उप्र लघु उद्योग निगम पीपीपी मॉडल पर बसाएगा नए औद्योगिक क्षेत्र Kanpur News

नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए अब उप्र लघु उद्योग निगम (यूपीएसआइसी) प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल अपनाएगा।

By Edited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 02:30 AM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 09:39 AM (IST)
अब उप्र लघु उद्योग निगम पीपीपी मॉडल पर बसाएगा नए औद्योगिक क्षेत्र Kanpur News
अब उप्र लघु उद्योग निगम पीपीपी मॉडल पर बसाएगा नए औद्योगिक क्षेत्र Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए अब उप्र लघु उद्योग निगम (यूपीएसआइसी) प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल अपनाएगा। बोर्ड बैठक में पांच से 25 एकड़ तक क्षेत्रफल में पीपीपी मॉडल से औद्योगिक क्षेत्र बसाने की अनुमति मिल चुकी है। प्रबंधन ने इच्छुक लोगों से संपर्क भी साधा है। इस फैसले से उन उद्यमियों को सहूलियत होगी जिन्होंने इन्वेस्टर्स समिट में निवेश के लिए हामी भरी थी, लेकिन जमीन न मिलने की वजह से उद्योग नहीं लगा सके थे।

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दो साल पहले हुई इन्वेस्टर्स समिट में तमाम उद्यमियों ने निवेश के लिए एमओयू साइन किया था, लेकिन बाद में उन्हें उद्योग विभाग और यूपीसीडा भूमि उपलब्ध नहीं करा सके। कुछ उद्यमी ऐसे भी हैं जिनके पास जमीन है, लेकिन वे औद्योगिक इकाई नहीं लगा पाए। ऐसे उद्यमी पांच से 25 एकड़ क्षेत्रफल को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में अधिसूचित करा सकेंगे। इसके लिए उन्हें यूपीएसआइसी में आवेदन करना होगा। निगम ही अधिसूचना जारी कराएगा और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के साथ मानचित्र और लेआउट भी तैयार कराएगा।

इन सभी कार्यो के बदले पांच फीसद विकसित भूमि ली जाएगी। निगम के एक वरिष्ठ अफसर के मुताबिक औद्योगिक क्षेत्र बसाने के लिए तीन पार्टियां होंगी। एक भूमि का स्वामी, दूसरा विकासकर्ता और तीसरा यूपीएसआइसी। भू- स्वामी चाहे तो विकासकर्ता की भूमिका भी निभा सकता है बशर्ते उसके पास अनुभव हो। विकासकर्ता और भू स्वामी अलग- अलग होंगे तो निवेश के अनुरूप उनका शेयर तय होगा। आवंटन भू स्वामी ही करेगा, लेकिन भूमि का मूल्य यूपीएसआइसी में जमा होगा।

निगम प्रबंधन औद्योगिक क्षेत्र के विकास में धनराशि भी खर्च कर सकता है, लेकिन जो राशि खर्च करेगा उस पर 12 फीसद ब्याज की वसूली भू स्वामी और विकासकर्ता से की जाएगी। औद्योगिक क्षेत्र में न्यूनतम चार औद्योगिक इकाई स्थापित करने की शर्त होगी। न्यूनतम भूखंड की साइज दो सौ वर्ग मीटर रखी गई है। निगम बोर्ड के अध्यक्ष नवनीत सहगल ने प्रबंधन से कहा है कि जल्द से जल्द नियमावली बना लें ताकि विकास का कार्य नए वित्तीय वर्ष में शुरू हो सके।


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