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स्मार्टफोन की जांच कर हानिकारक वायरस का पता लगाएगी मशीन, मिलेंगे ये दो विकल्प

भारत सरकार की ओर से बंद किए गए गेम और एप मसलन टिक टाक पबजी आदि अगर किसी मोबाइल में इस्तेमाल किया जा रहा होगा तो मोबाइल पर अलर्ट आएगा। यही नहीं इससे मोबाइल एप्लीकेशन कौन सी परमिशन यूज कर रही है वो भी देख सकते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Sanjay PokhriyalPublished: Wed, 30 Nov 2022 05:29 PM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 05:29 PM (IST)
स्मार्टफोन की जांच कर हानिकारक वायरस का पता लगाएगी मशीन, मिलेंगे ये दो विकल्प
कियोस्क से मोबाइल कनेक्ट करने पर एप्लीकेशन और गतिविधियां होंगी स्कैन । स्रोत- आइआइटी

चंद्रप्रकाश गुप्ता, कानपुर : इस डिजिटल युग में फोन भी स्मार्ट हो गया है और उसमें विभिन्न एप काम करते हैं। लोग इन सुविधाओं का उपयोग भुगतान करने से लेकर उत्पाद मंगाने तक करते हैं। हालांकि इससे जीवन को सुविधाजनक बनाने के साथ ही डिजिटल डिवाइस होने के कारण स्मार्टफोन में वायरस और संदिग्ध गतिविधियों वाले एप की आशंका भी बढ़ी है। विशेषकर रक्षा और सैन्य प्रतिष्ठानों के लिए तो यह बेहद संवेदनशील मामला भी है। बीते कुछ वर्ष में रक्षा संस्थानों से जुड़े कर्मियों के हनी ट्रैप में फंसने और गोपनीय सूचनाएं लीक होने की खबरें सामने आने के बाद तो सतर्कता और बढ़ रही है।

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स्मार्टफोन को हानिकारक वायरस और संदिग्ध गतिविधियों से मुक्त रखने के लिए अब आइआइटी कानपुर से जुड़ा एक स्टार्टअप सामने आया है। आइआइटी के इन्क्यूबेशन सेंटर से जुडे स्टार्टअप अरिस्ती इंफोलैब के विशेषज्ञ रक्षा प्रतिष्ठानों और संगठनों की मांग पर ऐसी कियोस्क मशीन तैयार कर रहे हैं, जो सैनिकों, कर्मचारियों के स्मार्टफोन को स्कैन कर उसमें मौजूद वायरस और सूचनाओं के आदान-प्रदान के बारे में पल भर में जानकारी कर सकेगी। यही नहीं, यदि किसी जवान या रक्षा कर्मी के स्मार्टफोन में गलती से कोई वायरस आ गया है तो तत्काल उसे डिटेक्ट करके मैसेज भी भेजेगी।

मिलेंगे दो विकल्प

स्मार्टफोन का चलन बढ़ने के बाद रक्षा प्रतिष्ठानों की गोपनीय सूचनाएं लीक होने की आशंका रहती है। तीन वर्ष पूर्व एक विज्ञानी को हनी ट्रैप में फंसाए जाने का मामला सामने आया था। इसके बाद से रक्षा प्रतिष्ठानों में साइबर सुरक्षा पर भी विशेष जोर दिया जाने लगा है। अरिस्ती इंफोलैब एेसी कियोस्क मशीन तैयार करेगा, जो फोन को पूरी तरह स्कैन कर संदिग्ध गतिविधियों, वायरस, एप्लीकेशन, ईमेल मैसेज आदि का पता लगा सकेगी। कंपनी के संस्थापक रौनक ने बताया कि कियोस्क मशीन से ही एंड्रॉयड मोबाइल कनेक्ट करना पड़ेगा। जैसे ही मोबाइल कनेक्ट करेंगे तो दो ऑप्शन दिए जाएंगे। पहला एप्लिकेशन स्कैन और दूसरा मोबाइल फाइल स्कैन। मोबाइल स्कैन ऑप्शन में मोबाइल की सारी एंड्रॉयड एप्लीकेशन स्कैन की जाएगी।

प्रतिबंधित एप पर मिलेगा अलर्ट

भारत सरकार की ओर से बंद किए गए गेम और एप मसलन टिक टाक, पबजी आदि अगर किसी मोबाइल में इस्तेमाल किया जा रहा होगा तो मोबाइल पर अलर्ट आएगा। यही नहीं इससे मोबाइल एप्लीकेशन कौन सी परमिशन यूज कर रही है, वो भी देख सकते हैं, जैसे कि स्टोरेज एक्सेस, काल हिस्ट्री आदि। इसी तरह ऐसी एप्लीकेशन, जो हमने गूगल प्लेस्टोर तो डाउनलोड नहीं की ही और जो हमारे लिए हानिकारक हैं, वह भी दिखने लगेगी। मोबाइल फाइल स्कैन में फोन में मौजूद सभी फाइल स्कैन की जा सकेगी। अगर किसी फाइल में वायरस होगा तो वह अलर्ट देगा।


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