तीन तलाक मामले में ससुरालीजन की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
तीन तलाक के एक मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सास ससुर की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : तीन तलाक के एक मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सास, ससुर, देवर और ननद की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। चकेरी पुलिस ने मुस्लिम विवाह अधिकारों की सुरक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
चकेरी केडीए कालोनी निवासी मिनजा अली का निकाह जौनपुर के सैयद अली अब्बास हुसैन के साथ हुआ था। निकाह के बाद से ही ससुराल वाले उसे दहेज में पांच लाख रुपये और लाने का दबाव बना रहे थे। मांग पूरी नहीं होने पर उसे प्रताड़ित किया जाता था। इस पर पति ने उसे तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया था। मिनजा ने चकेरी थाने में पति समेत पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि निकाह में स्वजन ने सभी बरातियों को चांदी का सिक्का भेंट किया था। करीब 10 लाख रुपये खर्च करने के बावजूद पांच लाख रुपये और मांग रहे थे। सहायक शासकीय अधिवक्ता शिव भगवान गोस्वामी के मुताबिक, न्यायालय ने ससुर दिलदार हुसैन, सास नेहाल जेहरा, देवर सैयद असद अब्बास और नंद सनाह जेहरा की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई की। तथ्यों और साक्ष्यों को देखते हुए न्यायालय ने अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।
चुप्पी तोड़ो, घरों में हिसा नहीं प्यार स्थापित करो
जागरण संवाददाता, कानपुर : महिलाओं पर हो रहे अत्याचार व घरेलू हिसा का शिकार महिलाओं के लिए बुधवार को सखी केंद्र द्वारा बिगुल बजाकर 'चुप्पी तोड़ों घरों में हिसा नहीं प्यार स्थापित करो' अभियान की शुरुआत की गई। सखी केंद्र की महामंत्री नीलम चतुर्वेदी ने बताया कि सखी केंद्र द्वारा शहर के लगभग 540 स्थानों पर महिलाओं ने संदेश देकर महिलाओं पर हिसा को राष्ट्रद्रोह के समान बताया। उन्होंने कहा कि सखी केंद्र द्वारा दस दिसंबर मानवाधिकार दिवस के दिन तक इस अभियान को निरंतर रूप से चलाया जाएगा। इस अवसर पर माया कुरील, प्राची त्रिपाठी, माया सिंह, पुष्पा तिवारी, अर्चना पांडे, निशा गुप्ता आदि उपस्थित रहीं।