सीएसए विश्वविद्यालय में जुर्माना लगाए जाने से आक्रोशित छात्रों ने कुलपति कार्यालय घेरा
जांच समिति ने पांच छात्रों को वार्ता के लिए कार्यालय के अंदर बुलाया।
जागरण संवाददाता, कानपुर : सीएसए कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के फारमर्स गेस्ट हाउस में बवाल के मामले में 10-10 हजार रुपये जुर्माना लगाए जाने से द्वितीय वर्ष के छात्रों ने मंगलवार को कुलपति कार्यालय का घेराव कर दिया। छात्रों द्वारा नारेबाजी किए जाने पर हंगामे की आशंका जता विवि प्रशासन ने पुलिस बुला ली। बाद में पांच छात्रों को कार्यालय के अंदर बुलाकर जांच समिति ने वार्ता की। कुलपति कार्यालय के बाहर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात है।
बीते सोमवार को डीन ऑफ एग्रीकल्चर कार्यालय में मामले की जांच कर रही टीम, अनुशासन, एंटी रैगिंग और वार्डन समिति की बैठक हुई। सबसे पहले कुछ छात्रों, सुरक्षाकर्मियों और स्टाफ के बयान लिए गए। द्वितीय वर्ष के छात्रों से पिटाई करने वाली फैकेल्टी के नाम पूछे गए लेकिन किसी कुछ नहीं बताया था। बाद में द्वितीय वर्ष के छात्रों पर 10-10 हजार रुपये जुर्माना लगाने और उनके माता पिता के हलफनामे के साथ चार सितंबर को बुलाये जाने का निर्णय हुआ। इस फैसले से नाराज छात्रों ने मंगलवार को कुलपति कार्यालय का घेराव कर दिया और नारेबाजी शुरू कर दी। इससे विवि प्रशासन ने हंगामे की आशंका जता पुलिस को सूचना दी। थाने से भारी पुलिस फोर्स विश्वविद्यालय पहुंच गया और छात्रों को शांत कराने का प्रयास किया। इसके बाद भी छात्र नारेबाजी करते रहे। कुछ देर बाद विवि प्रशासन की ओर से पांच छात्रों को वार्ता के लिए बुलाया गया। जांच समिति ने पांच छात्रों को कार्यालय में बुलाकर वार्ता की और उनकी बात सुनी। हालांकि अभी तक अंदर क्या वार्ता हुई इसकी जानकारी नहीं हो सकी है। - - - - - - - - -
छात्रों में नाराजगी
विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्णय से छात्रों में नाराजगी है। उनका कहना है कि फारमर्स गेस्ट हाउस में इतना अधिक नुकसान नहीं हुआ है, जितना उनसे वसूला जा रहा है।
- - - - - - - - - - - - - - ये था मामला
25 जुलाई की सुबह करीब चार बजे द्वितीय वर्ष के 100 से अधिक छात्रों ने फारमर्स गेस्ट हाउस पर पथराव कर खिड़की, दरवाजे तोड़ डाले थे। वहां रुके प्रथम वर्ष के छात्रों को मुर्गा बनाकर पीटा था। छात्र अनुशासन और वार्डन समिति के पदाधिकारियों द्वारा साथियों की पिटाई से गुस्साए थे। घटना के बाद द्वितीय वर्ष के छात्रों को हॉस्टल से निष्कासित कर पांच सदस्यीय टीम बनाकर जांच शुरू कर दी गई थी।