Move to Jagran APP

साढ़े सात माह से बंद शुक्लागंज पुल की दीवार गुस्साई भीड़ ने तोड़ी, जिंदगी खतरे में डालकर आवागमन शुरू

नवीन गंगापुल पर यातायात का भार अधिक होने की वजह से भीषण जाम लग गया। लगभग डेढ़ घंटे तक राहगीर जाम में फंसे रहे। जिससे भीड़ का गुस्सा फूट पड़ा। गुस्साई भीड़ ने पुराने गंगापुल पहुंचकर दीवार तोड़ डाली और आवागमन शुरू कर दिया।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 12:19 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 12:19 PM (IST)
साढ़े सात माह से बंद शुक्लागंज पुल की दीवार गुस्साई भीड़ ने तोड़ी, जिंदगी खतरे में डालकर आवागमन शुरू
शुक्लागंज के बंद पुल की दीवार गुस्साई भीड़ ने तोड़ आवागमन करते लोग।

उन्नाव, जागरण संवाददाता। शुक्लागंज में बीते लगभग साढ़े सात माह से बंद चल रहे पुराने गंगापुल को लेकर आखिर शुक्रवार को भीड़ का गुस्सा फूट ही पड़ा। गुस्साई भीड़ ने बंद पुल की दोनों तरफ उठाई गई पांच फीट ऊंची दीवार तोड़ डाली और पुल से आवागमन शुरू कर दिया। लाेग जान को खतरे में डालकर पुल से निकल रहे हैं, वहीं पुलिस मूक-दर्शक बनी खड़ी रही।

loksabha election banner

पुल की दीवार को तोड़कर पुल चालू हो जाने की खबर फैलते ही लोगों की भीड़ लग गई। दुपहिया, तिपहिया व चौपहिया आदि वाहन दीवार टूटते ही पुराने पुल से आवागमन करने लगे। दीवार टूटने के बाद पहुंची गंगाघाट पुलिस मूकदर्शक बनी खड़ी रही। सुबह लगभग साढ़े 10 बजे से पुल पर आवागमन शुरू हो गया। बता दें कि शुक्रवार को पीक आवर्स में सुबह लगभग नौ बजे नवीन गंगापुल पर यातायात का भार अधिक होने की वजह से भीषण जाम लग गया। लगभग डेढ़ घंटे तक राहगीर जाम में फंसे रहे। जाम राजधानी मार्ग स्थित गांधीनगर मोड़ तक लगा रहा। जिससे भीड़ का गुस्सा फूट पड़ा। गुस्साई भीड़ ने पुराने गंगापुल पहुंचकर दीवार तोड़ डाली और आवागमन शुरू कर दिया। पुराने पुल से आवागमन शुरू होने पर लोगों ने खुशी का इजहार किया।

इसलिए बंद है पुल: पुराना पुल इस लिए बंद करना पड़ा था क्योंकि पुल के तीन पिलर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उनकी बेल्ट भी खुल गई हैं। यह पुल दो लेन का है। अगर पुल पिलर मरम्मत के योग्य होंगे तो फिर उनकी मरम्मत कराई जाएगी और पुल का उपरी हिस्सा तोड़कर उसे दो लेन की जगह तीन लेन किया जाएगा। अगर सीआरआरआइ कहती है कि पुल के पिलर अब भार सहने योग्य नहीं हैं तो फिर नया फोर लेन पुल बनाने का प्रस्ताव पीडब्ल्यूडी व सेतु निर्माण निगम की ओर से तैयार किया जाएगा। वैसे पीडब्ल्यूडी के विशेषज्ञों की राय है कि जर्जर पिलर तोड़कर नए बना दिए जाएं और नए गार्डर रखकर फिर से पुल बनाया जा सकता है, लेकिन सीआरआरआइ तो विस्तृत जांच करेगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.