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Anant Chaturdashi Kanpur: घर-घर पूजन और बप्पा की विदाई देकर मांगा सुख-समृद्धि का आशीष

गणपति बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ का उद्घोष करते हुए भक्तों ने बप्पा से संक्रमण समाप्ति की कामना की। घरों में महिलाओं ने अनंत चतुर्दशी का पूजन कर भोग अर्पित किया और सुख-समृद्धि की प्रार्थना की।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 10:59 AM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 10:59 AM (IST)
Anant Chaturdashi Kanpur: घर-घर पूजन और बप्पा की विदाई देकर मांगा सुख-समृद्धि का आशीष
सभी जगह गणेश उत्सव का समापन हो जाएगा।

कानपुर, जेएनएन। गणेश उत्सव का समापन रविवार से हो रहा है और घरों में अनंत चतुर्दशी की तैयारियां सुबह से ही शुरू हो गई हैं। पूजन के साथ ही शहर में गणपति बप्पा को विदाई का सिलसिला शुरू हो गया है। भक्त विधिवत बप्पा का पूजन अर्चन कर विदा करने के साथ प्रतिमा का नदी और नहरों में विसर्जन कर रहे हैं। शाम तक सभी जगह गणेश उत्सव का समापन हो जाएगा। घरों में महिलाओं ने अनंत चतुर्दशी का पूजन कर भोग अर्पित किया और सुख-समृद्धि की प्रार्थना की।

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अनंत चतुर्दशी के दिन हाथ में लंबी आयु तथा सभी बाधाओं से मुक्ति का अनंत सूत्र भक्त बांधते हैं। रविवार को सुबह से गंगा किनारे वाले कृत्रिम तालाबों में गणपति महाराज को विदाई देने का सिलसिला शुरू हो गया। अर्मापुर, रामगंगा नहर, परमट स्थित काली घाट के कृत्रिम तालाब के साथ सरसैया घाट, मैस्कर घाट, गंगा बैराज कृत्रिम तालाबों में भी प्रतिमा का विजर्सन जारी है। हालांकि शहर में बप्पा को विदा करने के लिए भक्त शनिवार को भी बड़ी संख्या में निकले। गणपति बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ का उद्घोष करते हुए भक्तों ने बप्पा से सुख-समृद्धि और संक्रमण समाप्ति की कामना की।

शनिवार को परमट स्थित काली घाट के कृत्रिम तालाब पर दर्जनों टोलियों ने पहुंचकर बप्पा को विदाई दी। दक्षिण क्षेत्र में विराजमान विह्नहर्ता को भक्तों ने रामगंगा नहर में विजर्सन किया। गणेश उत्सव के अंतिम दिन गणेश महाराज का पूर्ण विसर्जन भक्तों द्वारा किया जा रहा है। अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान आदि निवृत्त होकर भगवान विष्णु के अनंत रूप का पूजन घरों में किया जा रहा है।

धूनी ध्यान केंद्र के आचार्य अमरेश मिश्रा ने बताया कि अनंत चतुर्दशी पर 14 गांठों वाले अनंत को हाथ में बांधने से समस्त संकटों से रक्षा होती है। अनंत भगवान को सूत या रेशम के धागे को हल्दी या केसर से रंग कर उसमें चौदह गांठ लगाकर भक्त भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए बांधे। इससे सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं और इस दिन 14 मीठे पुए का भोग भगवान को अर्पित करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।


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