Kanpur Lockdown : कब्रिस्तानों पर फाटक बंद कर लटके ताले, शब-ए-बराअत पर घरों से करें इबादत
आल इंडिया सुन्नी उलमा काउंसिल ने प्रशासन से कब्रिस्तानों को बंद कराने की मांग की थी।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को देखते घोषित लॉकडाउन में शब-ए-बरात पर कबिस्तानों पर लोगों को आने से रोकने की पूरी तैयारी कर ली गई है। कबिस्तानों पर भीड़ न जुटे, इसके लिए आल इंडिया सुन्नी उलमा काउंसिल की मांग पर प्रशासन ने शहर के कबिस्तानों पर ताले लगवा दिए हैं। वहीं शहरकाजियों ने भी मुस्लिमों से घर पर ही रहकर फातिहा पढ़ने और रोशनी करने की अपील की है।
शब-ए-बराअत पर मुस्लिम अपने पुरखों की कब्रों पर फातिहा पढ़ने जाते हैं और रोशनी करते हैं। इस तरह वह अपने पूर्वजों को पुण्य पहुंचाते हैं। इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ने को लेकर पूरे प्रदेश में लॉकडाउन घोषित है और शहर में मुस्लिम बाहुल कुछ क्षेत्र हॉटस्पॉट घोषित हो चुके हैं। नौ अप्रैल को शब-ए-बरात की तारीख आने से पहले कब्रिस्तान पर भीड़ न जुटने की अपील पहले ही की जा चुकी है। वहीं प्रशासन ने भी लॉकडाउन का पालन करने की बात कही है।
बीते सोमवार को रूपम चौराहे पर बैठक के बाद शहरकाजी मौलाना आलम रजा नूरी समेत सभी मौलानाओं ने शब-ए-बरात पर मुस्लिमों से पुरखों की कब्रों पर फातिहा पढ़ने नहीं जाने और घरों पर ही इबादत करने की अपील की थी। साथ ही गरीबों व जरूरतमंदों को राशन बांटने को कहा है। शहरकाजी मौलाना मतीन उल हक उसामा कासमी ने भी कहा है कि कब्रिस्तान न जाएं, इस्लाम में इंसान को खुद को संकट में डालने से मना किया है। इस क्रम में आॅल इंडिया सुन्नी उलमा काउंसिल ने बुधवार को प्रशासन से कब्रिस्तानों के फाटक बंद करके ताला लगवाने की मांग की थी। इसके चलते शहर के प्रमुख कबिस्तानों में गुरुवार को फाटक बंद कर ताले लगा दिए गए हैं।