अली का नाम तो गिरतों को थाम लेता है..
अकीदत से मनाया गया हजरत अली का जन्मदिवस ।
जासं, कानपुर : खुदा के बंदों सुनो गौर से खुदा की कसम, अली का नाम तो गिरतों को थाम लेता है। हजरत अली की यौम ए विलादत (जन्मदिवस) की खुशी में शुक्रवार को मनाए गए जश्न ए विलादत मौला अली में जगह-जगह जलसे आयोजित किए गए। मस्जिदों में जुमा की नमाज से पहले तकरीरों में हजरत अली की शान बयां की गई। घरों, खानकाहों, इमाम बारगाहों में नजर ओ नियाज के बाद तबर्रुक बांटा गया।
मोहम्मदी यूथ ग्रुप ने खानकाहे हुसैनी कर्नलगंज पर जश्न-ए-विलादत मौला अली मनाया। शायरों ने हजरत अली की शान में कलाम पेश किए। उलमा ने बताया कि हजरत अली किसी भी मसले का हल कुछ पल में कर देते थे। उनके नक्श-ए-कदम पर चलने को कहा गया। कोरोना वायरस से निजात की भी दुआ की गई। इखलाक अहमद डेविड, शाहनवाज कादरी, हाफिज मो. जाहिद, अयाज अहमद चिश्ती, हाजी मो. अजहर, परवेज आलम वारसी, मो. शाबान आदि रहे। आल इंडिया गरीब नवाज काउंसिल ने चिश्ती नगर में जश्न ए मौला अली मनाया। मौलाना हाशिम अशरफी ने कहा कि हजरत अली पैगंबर ए इस्लाम के दामाद होने के साथ इस्लाम के चौथे खलीफा भी हैं। मौलाना सुहैब मिस्बाही, मौलाना कासिम अशरफी, मो. जमील, मो. वसीम, नईम आदि रहे।
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जुलूस ए हैदरी निकाला गया
फूलबाग से बड़ी कर्बला तक जुलूस ए हैदरी निकाला गया। आल इंडिया शिया युवा यूनिट की ओर से निकाले गए जुलूस में लोग हाथों में तख्तियां लिए थे, जिन पर समाज में प्रेम, मित्रता, भाईचारे के संदेश लिखे थे। जुलूस नवाबगंज बड़ी कर्बला पहुंचा तो यहां महफिल आयोजित की गई। अलमदार हुसैन ने कहा कि हजरत अली का जन्म अरबी महीने रजब की 13 तारीख को खान ए काबा में हुआ था। जुलूस से पहले देश में अमन, खुशहाली, भाईचारे की दुआ की गई। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अमील शम्सी, विधायक अमिताभ वाजपेयी, चंद्रेश सिंह, संजीव दीक्षित, शहाब रिजवी, मो. जकी, नायाब आलम, शारिब अब्बास, मो. रजा, अबुजर काजमी, दानिश रिजवी, आमिर अब्बास, आफताब हुसैन रहे।