तकनीकी शिक्षा की नई चुनौतियों से निपटने के लिए देश में तैयार होंगे दो लाख इंजीनियरिंग शिक्षक
उत्तर प्रदेश बिहार व उत्तराखंड में फैक्ल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम होंगे जिसके लिए एआइसीटीई ने नौ कोर्स में 50 एकेडमिक प्रोग्राम डिजाइन किए हैं।
कानपुर, जेएनएन। दुनिया में तकनीकी चुनौतियों से निपटने के लिए युवाओं को दक्ष बनाने की पहल शुरू हो गई है, इसके लिए देश के दो लाख इंजीनियर शिक्षकों को तैयार करने की रूपरेखा पर काम शुरू हो चुका है। उत्तर प्रदेश, बिहार व उत्तराखंड में फैक्ल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत शिक्षकों को तैयार करने के लिए एआइसीटीई ने कॉलेजों को रूपरेखा भेजना शुरू कर दिया है। ताकि इसके बाद शिक्षक संस्थान में आने वाले युवाओं को नवीनतम जानकारी के साथ दक्ष बना सकें।
प्रोग्राम में नौ विषय शामिल किए
इंजीनियरिंग शिक्षकों को भविष्य के विषयों के अनुसार दक्ष किया जाएगा और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) देश के दो लाख शिक्षकों को निपुण बनाएगी। इसमें मशीन लर्निंग, इंटरनेट आफ थिंग्स (आइओटी), ब्लॉक चेन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ), रोबोटिक्स, रेडियो प्रिंटिंग, वर्चुअल रिएलिटी और आगमेंटड रिएलिटी समेत 9 विषयों को शामिल किया गया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश, बिहार व उत्तराखंड में 50 स्थानों पर फैकल्टी डेवपलमेंट प्रोग्राम 'एफडीपी होंगे।
एआइसीटीई के कानपुर क्षेत्रीय कार्यालय ने इसकी रूपरेखा तैयार भी कर ली है और एफडीपी का सिलसिला ऑनलाइन शुरू हो चुका है। यूपी में सर्वाधिक 40 एफडीपी होंगे, जबकि छह एफडीपी उत्तराखंड व चार बिहार में होंगे। इस तरह देश के किसी भी तकनीकी कॉलेज के शिक्षक नए विषयों के अनुसार खुद को तैयार कर सकेंगे।
कानपुर में तीन हजार शिक्षक बनेंगे निपुण
शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में इंडियन इंडस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी व इंडियन इंस्टीट्यट ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी जैसे अग्रणी तकनीकी शिक्षण संस्थानों के विषय विशेषज्ञों के अलावा इंडस्ट्री एक्सपर्ट भी मार्गदर्शन करेंगे। कानपुर में एआइसीटीई ट्रेनिंग एंड लर्निंग (अटल) एकेडमी सेल शिक्षकों को तैयार करेगी ताकि वह बेहतर तरीके से पढ़ा सकें। एआइसीटीई ने रूपरेखा तैयार करके कॉलेजों को भेजना शुरू कर दिया है।
शहर के तकनीकी शिक्षण संस्थानों के करीब तीन हजार शिक्षकों को निपुण बनाने की तैयारी है। तकनीकी कॉलेजों को इन्हीं एकेडमिक प्रोग्राम में मान्यता मिलेगी। पुराने कोर्स में एआइसीटीई इस वर्ष से कोई मान्यता नहीं देगा। बीटेक के नए कोर्स में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस व इंटरनेट ऑफ थिंग्स विषय शामिल कर दिए गए हैं, जबकि अन्य विषयों को अगले सत्र से लागू किया जाएगा।
- एआइसीटीई ने देशभर के दो लाख शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। नवंबर माह तक उन्हें तैयार कर लिया जाएगा, जिससे अगले वर्ष से वह नए विषयों को पढ़ाने के लिए सक्षम हों। अब तकनीकी कॉलेजों में ऐसे ही कोर्स संचालित किए जाएंगे जो आत्मनिर्भर भारत के तहत जरूरी व नई तकनीक विकसित करें।-डॉ. मनोज कुमार तिवारी, क्षेत्रीय अधिकारी एआइसीटीई