जमीन चिह्नित न होने से रुका उद्यमियों के लिए अगरबत्ती क्लस्टर का काम
शहर में अगरबत्ती से जुड़े उद्यमियों के लिए क्लस्टर बनाने की कवायद तो खूब हुई, मगर नतीजा सिफर ही रहा।
By Edited By: Published: Sat, 13 Oct 2018 01:13 AM (IST)Updated: Sat, 13 Oct 2018 10:40 AM (IST)
जागरण संवाददाता, कानपुर: शहर में अगरबत्ती से जुड़े उद्यमियों के लिए क्लस्टर बनाने की कवायद तो खूब हुई, मगर नतीजा सिफर ही रहा। अब एक बार फिर से इस क्लस्टर को बनाने के लिए उद्योग विभाग ने पहल की है। खुद प्रदेश के एमएसएमई मंत्री सत्यदेव पचौरी ने शुक्रवार को फजलगंज स्थित सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र पहुंचकर क्लस्टर बनने में आ रही अड़चनों की जानकारी ली। संस्थान के सहायक निदेशक डॉ.भक्ति विजय शुक्ला व उपायुक्त उद्योग सर्वेश्वर शुक्ला से चर्चा करते हुए निर्देशित किया कि क्लस्टर के लिए सबसे पहले एसपीवी का गठन कर लें। इसके बाद एसपीवी के माध्यम से प्रस्ताव तैयार कर उन्हें दें, जिसे वह केंद्र सरकार को भेजेंगे। सहायक निदेशक डॉ.बीवी शुक्ला ने उन्हें बताया कि अगरबत्ती क्लस्टर के लिए जमीन चिह्नित करने में प्रमुख रूप से समस्या आ रही है। अगर इसका समाधान हो जाए तो क्लस्टर का निर्माण तेज गति से हो सकता है। उपायुक्त उद्योग सर्वेश्वर शुक्ला ने कहा कि क्लस्टर बनवाने के लिए उद्योग विभाग पूरी तरह से तैयार है।
इस्कॉन मंदिर में फ्लोरल वेस्ट का लगेगा प्लांट
एमएसएमई मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कहा कि इस्कॉन मंदिर में उद्योग विभाग की ओर से फ्लोरल वेस्ट से इत्र बनाने व अगरबत्ती बनाने का प्लांट लगाया जाएगा। हालांकि इस संबंध में उद्योग विभाग के अफसर पहले मंदिर प्रबंधन से बात करेंगे। सहमति बनी तो जल्द से जल्द काम शुरू होगा। इस कवायद से जहां लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं होने वाली गंदगी से निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि मंदिर को मंत्रालय की ओर से पांच सोलर चरखे दिए जाएंगे।
कोर्स की ली पूरी जानकारी
एफएफडीसी की ओर से शुरू होने वाले पाठ्यक्रम- पोस्ट डिप्लोमा इन एरोमा प्रॉसेस एंड इट्स मैनेजमेंट की एमएसएमई मंत्री ने जानकारी ली। उन्होंने प्रदेश सरकार से इसे स्पांसर कराने की भी बात कही।
इस्कॉन मंदिर में फ्लोरल वेस्ट का लगेगा प्लांट
एमएसएमई मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कहा कि इस्कॉन मंदिर में उद्योग विभाग की ओर से फ्लोरल वेस्ट से इत्र बनाने व अगरबत्ती बनाने का प्लांट लगाया जाएगा। हालांकि इस संबंध में उद्योग विभाग के अफसर पहले मंदिर प्रबंधन से बात करेंगे। सहमति बनी तो जल्द से जल्द काम शुरू होगा। इस कवायद से जहां लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं होने वाली गंदगी से निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि मंदिर को मंत्रालय की ओर से पांच सोलर चरखे दिए जाएंगे।
कोर्स की ली पूरी जानकारी
एफएफडीसी की ओर से शुरू होने वाले पाठ्यक्रम- पोस्ट डिप्लोमा इन एरोमा प्रॉसेस एंड इट्स मैनेजमेंट की एमएसएमई मंत्री ने जानकारी ली। उन्होंने प्रदेश सरकार से इसे स्पांसर कराने की भी बात कही।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें