Rakesh Sachan प्रकरण के बाद बना अदालत की सुरक्षा का मास्टर प्लान, सीसीटीवी कैमरों से होगा लैस
कानपुर के पूर्वी जोन ने कचहरी के प्रवेश द्वारों पर सीसीटीवी कैमरे का प्रस्ताव बनाया है। हालांकि संयुक्त पुलिस आयुक्त हर कोर्ट के अंदर और बाहर की निगरानी चाहते हैं। कचहरी परिसर को सीसीटीवी कैमरों से लैस करने की याेजना पर काम शुरू हो गया है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। एमएसएमई मंत्री राकेश सचान व उनके वकील और समर्थकों द्वारा दोष सिद्ध किए जाने के बाद अदालत की पत्रावली लेकर फरार होने के प्रकरण के बाद एक बार फिर से अदालत की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।
बार चुनाव मतदान के दौरान वकील की हत्या, बार महामंत्री के साथ मारपीट, पप्पू स्मार्ट का बिना तारीख कहचरी आना और घूमना जैसी घटनाओं के बाद पुलिस ने कचहरी में पुख्ता सुरक्षा की आवश्यकता महसूस की है। पूरे कचहरी परिसर को सीसीटीवी कैमरों से लैस करने की याेजना पर काम शुरू हो गया है।
मंत्री राकेश सचान प्रकरण के बाद डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार ने कचहरी में सुरक्षा के लिए एक तंत्र विकसित करने की सिफारिश आला अधिकारियों से की है। इस रिपोर्ट में कचहरी में प्रवेश के पांच रास्ते बताए गए हैं। इन पांचों रास्तों पर अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव है।
हालांकि संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी का मानना है कि हर कोर्ट रूम में केवल वीडियो बनाने वाला कैमरा और गैलरी व अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर ऐसे कैमरे लगाए जाएं, जिससे आवाज तक सुरक्षित की जा सके।
उन्होंने पूरे कचहरी में 200 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे की आवश्यकता महसूस की है, जिसमें करीब सवा करोड़ रुपया लगने का अनुमान है। हालांकि इससे पहले न्यायालय की अनुमति लेनी जरूरत होगी। पुलिस को बताया गया है कि अधिकांश कोर्ट रूम के अंदर व गैलरी में हाईकोर्ट के आदेश पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं।
हालांकि समस्या यह है कि देखरेख व मानीटरिंग के अभाव में बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरे बंद हैं। ऐसे में पुलिस अधिकारी, न्यायिक अधिकारियों के साथ बैठक करके इस मुद्दे पर जल्द ही विचार विमर्श कर सकते हैं।