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लव, शादी और धोखा..., कुछ ऐसी ही दास्तां है इस युवक की

वक्त और परिस्थितियां बदलते ही जरुरतें और सोच का दायरा बदल जाता है। ऐसी परिस्थिति का सामाना बर्रा के एक युवक को करना पड़ रहा है।

By AbhishekEdited By: Published: Wed, 10 Oct 2018 09:12 PM (IST)Updated: Thu, 11 Oct 2018 11:00 AM (IST)
लव, शादी और धोखा..., कुछ ऐसी ही दास्तां है इस युवक की
लव, शादी और धोखा..., कुछ ऐसी ही दास्तां है इस युवक की

कानपुर (जागरण संवाददाता)। लव, शादी और धोखा... सुनने में ये शब्द किसी फिल्म के नाम जैसे लगते हैं लेकिन बर्रा के एक युवक के जीवन पर एकदम सटीक बैठ रहे हैं। प्रेम हुआ और शादी हुई, पत्नी ने अपने परिजनों से खतरा बता उसकी सुरक्षा की गुहार भी लगाई। तीन वर्ष बाद नौकरी लगने पर पत्नी ने ही उस पति को जेल की हवा खिला दी, जिसकी प्रेरणा और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराने से मुकाम हासिल हुआ था।

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इस तरह शुरू हुई प्रेम कहानी

बर्रा के रहने वाला एक युवक ने मैकेनिकल में बीटेक के लिए महाराणा प्रताप कालेज ऑफ इंजीनियङ्क्षरग में 2008 में दाखिला लिया था। यहां इलेक्ट्रानिक्स की एक छात्रा से पहले से उसकी पहचान थी। दोनों में प्रेम हुआ तो कालेज से निकलने के बाद 10 फरवरी 2012 को आर्य समाज मंदिर मेस्टन रोड में शादी कर ली और जोन-3 में विवाह का रजिस्ट्रेशन कराया। इसके बाद युवती की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई, जिसमें खुद और पति के लिए परिजनों व रिश्तेदारों और पुलिस से खतरा जताया। हाईकोर्ट ने एसएसपी कानपुर नगर को नव दंपती की सुरक्षा संबंधी आदेश दिए थे।

यहां से शुरू हुई पति-पत्नी में दरार

पीडि़त पति ने बताया कि पत्नी पढऩे में तेज थीं, इसलिए उसे सिविल प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करवाई। इसके बाद अगस्त 2015 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में पत्नी की नौकरी लग गई। यहां तक सब सही चल रहा था। नौकरी मिलने के बाद ही पति-पत्नी के बीच रिश्तों में दरार पडऩा शुरू हो गई। खटास इस कदर बढ़ गई कि मई 2017 को पत्नी ने उसके खिलाफ कल्याणपुर थाने में दुष्कर्म और लूट का मुकदमा दर्ज करा दिया था।

पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और उसे 65 दिन जेल में रहना पड़ा। निचली अदालत से जमानत मिलने मिलने के बाद उसने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। अधिवक्ता विजय सिंह सचान ने बताया कि सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने अपने आदेश में युवती द्वारा शादी के बाद दाखिल याचिका का जिक्र करते हुए पूरे मामले को स्टे कर दिया। साथ ही राज्य सरकार को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब मांगा है।


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