कानपुर में प्रदूषण का स्तर मापने के लिए एडवांस लेवल पर तैयारी, इन चार स्थानों पर बनाए जाएंगे मॉनिटरिंग स्टेशन
हवा में पीएम-2.5 पीएम-10 कार्बन डाई ऑक्साइड सल्फर डाई ऑक्साइड व नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे हानिकारक तत्वों की मात्रा पता लगाने के लिए शहर में चार स्थानों पर पॉल्यूशन मॉनिटरिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। अभी तक सिर्फ एक ऑटोमैटिक मॉनिटरिंग स्टेशन नेहरू नगर में है।
कानपुर, जेएनएन। गिरते पारे, धुंध व कोहरे के बीच कई बार देश के दस प्रदूषित शहरों में शामिल होने वाले कानपुर की वायु गुणवत्ता अब एडवांस मॉनिटरिंग सिस्टम से आंकी जाएगी। हवा में पीएम-2.5, पीएम-10, कार्बन डाई ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड व नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे हानिकारक तत्वों की मात्रा पता लगाने के लिए शहर में चार स्थानों पर पॉल्यूशन मॉनिटरिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। अभी तक सिर्फ एक ऑटोमैटिक मॉनिटरिंग स्टेशन नेहरू नगर में है। पूरे शहर के लिए ये नाकाफी है। इसके अलावा आठ मैनुअल मॉनिटरिंग सिस्टम भी हैं।
चारों नए सेंटर राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, फूलबाग एबीसी बिल्डिंग, जागेश्वर अस्पताल गोविंद नगर व शेल्टर होम श्यामनगर चकेरी में होंगे। खास बात ये है कि ये नए मॉनिटरिंग स्टेशन पूरी तरह आधुनिक होंगे। इनकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाएगी। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अनिल कुमार माथुर ने बताया कि मॉनिटरिंग स्टेशन के लिए विशेष सेंसर व उपकरणों को खरीदे जाने के लिए टेंडर कर दिया गया है। इसी माह के अंत तक इनके लग जाने की संभावना है।
आइआइटी कर रहा तीन मॉनिटरिंग स्टेशनों की निगरानी
ऑटोमेटिक सिस्टम की जरूरत शहर को इसलिए है, क्योंकि अभी प्रदूषण मापने के लिए केवल एक ऑटोमेटिक मॉनिटरिंग सिस्टम है। इसके अलावा आठ मैनुअल मॉनिटरिंग सिस्टम हैं जिसके डाटा का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार की जाती है। इनमें पांच मॉनिटरिंग सिस्टम किदवईनगर, शास्त्री नगर, आवास विकास फेस-1, जरीब चौकी कॉमर्शियल व दादा नगर औद्योगिक क्षेत्र में लगे हैं। इनका रखरखाव उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड करता है। इसके अलावा आइआइटी परिसर, दादानगर औद्योगिक क्षेत्र और रामा देवी में लगाए गए सेंसर की मॉनिटरिंग व रखरखाव आइआइटी कर रहा है।