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मिलावटखोर दूध में यूरिया व खोवा में नहीं मिला सकेंगे आलू, अब घर में जांच सकेंगे शुद्धता Kanpur News

मिलावट की जांच घर पर करने वाली डोमेस्टिक किट बताएगी कैसा है आपका खाना एचबीटीयू में हुई कार्यशाला में दी गई जानकारी।

By AbhishekEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 11:48 PM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 11:48 PM (IST)
मिलावटखोर दूध में यूरिया व खोवा में नहीं मिला सकेंगे आलू, अब घर में जांच सकेंगे शुद्धता Kanpur News
मिलावटखोर दूध में यूरिया व खोवा में नहीं मिला सकेंगे आलू, अब घर में जांच सकेंगे शुद्धता Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। घर में खाने-पीने की चीजों को इस्तेमाल करने से पहले आप उसकी गुणवत्ता जांच सकते हैं। फिर बात चाहें दूध में यूरिया या पानी की मिलावट जांचने की हो या फिर खोवा में आलू की। मिठाई में शकरकंद मिलाने की शंका व मिर्च में लाल ईंट का चूरा मिक्स किए जाने की आशंका को भी आप डोमेस्टिक किट से जांच सकते हैं। हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) में 'खाद्य मिलावट का तेजी से पता लगाने के तरीके' विषय पर हुई कार्यशाला में पुणे से आए विशेषज्ञ अमरेंद्र महामुनि ने बताया कि इस किट के माध्यम से हम घर पर खाद्य पदार्थों की जांच कर सकते हैं।

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इस किट में अलग-अलग तरह के केमिकल दिए जाते हैं। इससे दूध में यूरिया अथवा पेस्ट्रीसाइट समेत अन्य चीजों में मिलावट का पता लगाया जा सकता है। इसे इस्तेमाल करने का तरीका दिया रहता है। बड़े शहरों में डोमेस्टिक किट का इस्तेमाल किया जा रहा है। जानकारी के अभाव में लोग इस सुविधा से अछूते हैं। उन्होंने बताया कि समय के साथ बदलती तकनीक का सहारा लेकर अच्छे खान-पान का सेवन करके स्वास्थ्य बेहतर रखा जा सकता है। शारीरिक, रसायनिक, जैविक व एलर्जी इन चार प्रकार से खाद्य पदार्थों में मिलावट होती है। टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इंप्रूवेंट प्रोग्राम (टेक्यूप-3) के तहत हुई कार्यशाला में कुलपति प्रो. एनबी सिंह ने खाद्य सुरक्षा उपायों की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट न केवल उपभोक्ता को धोखा देती है बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा भी है।

शोध करने व जागरूक रहने की आवश्यकता

मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय कुमार सिंह ने खाद्य सुरक्षा बढ़ाने के लिए शोध व जागरूकता दोनों को आवश्यक बताया। इस मौके पर प्रति कुलपति प्रो. करुणाकर सिंह, कुलसचिव प्रो. मनोज कुमार शुक्ला, टेक्यूप समन्वयक प्रो. रघुराज सिंह व कार्यक्रम समन्वयक डॉ. विवेक कुमार समेत प्रोफेसर व छात्र मौजूद रहे। 


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